भव्य रूप से निकाली गई श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की पेशवाई का सभी तेरह अखाड़ों ने किया स्वागत

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सन्यासी अखाड़ो के बाद अन्य अखाड़ो की ओर से पेशवाई निकालने का सिलसिला जारी है। रविवार को बैण्ड बाजों, हाथी, घोड़ो व ऊंटों से सुसज्जित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की भव्य पेशवाई भूपतवाला से चलकर हरकी पैड़ी, अपर रोड़, वाल्मिीकि चैक, शिवमूर्ति, तुलसी चौक, शंकराचार्य चैक होते हुए कनखल स्थित अखाड़े की छावनी पहुंची। पेशवाई का कई स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व स्थानीय लोगों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। पेशवाई पर हेलीकाॅप्टर से भी पुष्पवर्षा की गयी। पेशवाई का स्वागत करने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने अखाड़े के संतों को फूलमाला पहनाकर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पतित पावनी मां गंगा के आशीर्वाद से कुंभ मेला भव्य रूप से संपन्न होगा। योग गुरू बाबा रामदेव ने पेशवाई में शामिल संतों का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का विशेष योगदान है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज ने कहा कि पेशवाई के रूप में अखाड़े के संत छावनी प्रवेश करेंगे तथा छावनी में धर्मध्वजा के नीचे सभी धार्मिक कार्य संपन्न होंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का शिखर उत्सव है। कुंभ मेले के दौरान देश भर से आने वाले संत महापुरूषों का गंगा तट पर होने वाला विशाल संत समागम पूरी दुनिया को विशेष धार्मिक संदेश प्रदान करता है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कुंभ मेले में संत महापुरूषों के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु भक्तों का कल्याण हो जाता है। काष्र्णि पीठाधीश्वर स्वामी गुरू शरणानंद व मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला श्रद्धालुओं को देश भर से गंगा तटों पर एकत्र होने वाले सिद्ध संत महापुरूषों के दर्शन व आशीर्वाद का अवसर प्रदान करता है। इस दौरान कोठारी महंत दामोदर दास, महंत निरंजन दास, महंत दर्शन दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत रामशरण दास, महंत प्रेमदास, महंत व्यास मुनि आदि संत शामिल रहे। पेशवाई का जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, पूर्व पालिकाअध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, स्वामी विष्णुदास, निरंजनी अखाड़े के कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत रामकिशन दास, महंत गौरीशंकर दास, म.म.स्वामी सांवरिया बाबा, महंत रामशरण दास, महंत रविन्द्र पुरी, मुखिया महंत भगतराम, निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, म.म.स्वामी कपिल मुनि, महंत रूपेंद्र प्रकाश सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

पेशवाई भारतीय संस्कृति ,अध्यात्म और एकता- अखंडता की प्रतीक -बाबा रामदेव

योगगुुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि कुम्भ के मौके पर निकलने वाले पेशवाई भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और एकता-अखंडता की प्रतीक है। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की पेशवाई में योगगुरु स्वामी रामदेव ने शामिल होकर शुरुआत कराई। उन्होने कहा कि उनका मूल अखाड़ा योग परंपरा से जुड़ा है। परंतु हमारा अध्यात्म का अखाड़ा बड़ा उदासीन पंचायती अखाड़ा ही है। रामदेव ने कहा कि पेशवाई में कोरोना की गाइडलाइन का पालन होना जरूरी है। लेकिन पेशवाई में लोगों का उत्साह देखते ही बनता है, जिसमें थोड़ा बहुत कोरोना की गाइडलाइन टूटती दिखाई दे रही है। कहा कि लोग योग करके मजबूत हो गए हैं। श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के श्रीमहंत महेश्वर दास महाराज ने कहा कि पेशवाई में देश विदेश से उदासीन संप्रदाय के संत, महात्मा, महामंडलेश्वर तपस्वी और श्रद्धालु शामिल हुए हैं। हमारी पेशवाई भारतीय संस्कृति अध्यात्म और राष्ट्रीय एकता अखंडता का सबसे बड़ा प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उदासीन पंचायती अखाड़े की स्थापना श्रीमहंत प्रीतम दास ने की थी। उदासीन संप्रदाय की स्थापना गुरु नानक देव जी के बेटे भगवान श्री चंद्राचार्य महाराज ने की थी। पेशवाई में बड़ी संख्या में विभिन्न अखाड़ो के संत-महंत शामिल हुये।