कोरोना को समाप्त करने के लिए संतों ने की श्री दक्षिण काली की पूजा अर्चना

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तीनो वैष्णव अखाड़ों के श्रीमहंतों ने श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से भेंटवार्ता की। भेंटवार्ता करने आए अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों का स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने फूलमाला पहनाकर व मां की चुनरी व नारियल भेंटकर स्वागत किया। सभी संतों ने श्री दक्षिण काली मंदिर में पूजा अर्चना कर मां दक्षिण काली से कोरोनेा महामारी समाप्त करने के लिए प्रार्थना की। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देश की एकता व अखण्डता को कायम रखने के लिए संत समाज को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि देश पर जब भी कोई संकट आया है तो संत समाज ने आगे बढ़कर सरकार व समाज की मदद की है। आज पूरा देश कोरोना महामारी से पीड़ित है। कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। हजारों लोगों की मौत भी कोरोना की दूसरी लहर में हो चुकी है। जो कि बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों यज्ञ हवन आदि से कोरोना समाप्त होगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह दिन रात कोरोना से निपटने के उपाय करने में जुटे हैं। ऐसे में प्रत्येक देशवासी को सरकार की गाइड लाईन का पालन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह का सहयोग करना चाहिए। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि संत समाज सदैव ही विश्व कल्याण की कामना करता है। विश्वव्यापी कोरोना महामारी अवश्य ही मां गंगा की कृपा से समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि सभी को मिलजुल कर कोरोना की जंग में अपनी हिस्सेदारी निभानी है। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना समाप्ति में अपना सहयोग करें। श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास नगरिया महाराज व श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि कोरोना रोगियों को धैय बनाए रखना चाहिए। राज्य की सरकार कोरोना रोगियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना को साहस व धैर्य रखकर ही पराजित किया जा सकता है। इस अज्ञात शत्रु से देश दुनिया लड़ रही है। सभी को सहयोग कर इस कोरोना की जंग में अपना साथ देना होगा। इस अवसर पर नागा महंत सुखदेव दास, महंत नरेंद्रदास, महंत सुखदेव दास, अवंतकानन्द ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी मौजूद रहे।