वन कर्मचारियों के उत्पीड़न और अभद्रता के आरोपी डीएफओ के खिलाफ धरना

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डीएफओ के व्यवहार में परिवर्तन नहीं आया तो करेंगे उग्र प्रदर्शन ,दी तालाबंदी की चेतावनी

डीएफओ पर उत्पीड़न व अभद्रता का आरोप लगाते हुए वन विभाग के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर उत्तरांचल फाॅरेस्ट मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के तत्वाधान में धरना दिया। हिलबाई पास मार्ग स्थित वन विभाग के कार्यालय पर आयोजित धरने के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि डीएफओ ने कर्मचारियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन नहीं किया तो उग्र आंदोलन व तालाबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। धरने को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सागर व महामंत्री परमेंद्र कुमार ने कहा कि पदभार संभालने के बाद से ही डीएफओ कर्मचारियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। कर्मचारियों की शारीरिक बनावट पर अभद्र टिप्पणी करने के साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगा भी रहे हैं। कर्मचारियों पर कैलेण्डर, कागज फेंक रहे हैं। जिसे लेकर कर्मचारी बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि यदि डीएफओ ने अपने व्यवहार मे ंपरिवर्तन नहीं किया तो शासन से उनके स्थानांतरण की मांग की जाएगी। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पुष्पा जोशी ने कहा कि कर्मचारियों को घूसखोर कहना किसी भी तरह से उचित नहीं है। अधिकारी व कर्मचारियों के आपसी समन्वय से ही विभाग का संचालन होता है। लेकिन डीएफओ कर्मचारियों के साथ जिस प्रकार अभद्रता कर रहे हैं। उसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। शेखरचंद्र जोशी ने कहा कि वे लंबे समय से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई अधिकारियों के साथ काम किया। यह पहली बार है कि किसी अधिकारी के व्यवहार को लेकर कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लेकिन नवागंतुक डीएफओ कर्मचारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें काम नहीं करना आता, भ्रष्टाचार करते हैं, घूस लेते हैं। विरोध करने पर ट्रांसफर व चरित्र पंजिका में प्रतिकूट टिप्पणी दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं। शेखरचंद्र जोशी ने कहा कि यदि डीएफओ ने अपना व्यवहार नहीं बदला तो विभागीय मंत्री व अधिकारियों से उनके स्थानांतरण की मांग की जाएगी। धरना देने वालों में आशीष उप्रेती, किरन रावत, दीपक, मयूरी गौतम, पंकज सैनी, अरूण, अनुज, दीपक पांडे, मीनाक्षी, किरण रावत, बबीता, बुरहान अली, नरेंद्र आदि कर्मचारी मौजूद रहे।