मकर संक्रांति स्नान पर्व प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित करने पर व्यापारी वर्ग नाराज

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हरिद्वार। 14 जनवरी मकर संक्रान्ति के अवसर पर होने वाले स्नान पर्व को जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया है। कोरोना की बढ़ते मामले और तीसरी लहर को देखते हुए भीड़ एक जगह एकत्र न हो इस को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इस तरह का कदम उठाया है और स्पष्ट किया गया है कि इसका पालन न करने वालों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिला प्रशासन के इस कदम का जहां कुछ लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। तीर्थ पुरोहित समाज के लोग जिला प्रशासन के इस कदम को वर्तमान स्थितियों को देखते हुए जरूरी मान रहे हैं कि लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए, लेकिन लोग नहीं कर रहे हैं। व्यापारियों द्वारा प्रतिबंधित शब्द पर आपत्ति करते इसको सीमित किए जाने की बात कही जा रही है। व्यापारी जिला प्रशासन के इस कदम से नाराज है। व्यापारियों का कहना है कि पहले ही लॉकडउन और प्रतिबंध के चलते हैं उनका व्यापार चैपट हो चुका है और अब फिर जिला प्रशासन से मेलों को प्रतिबंधित करने में लगा हुआ है जिससे उनके सामने संकट उत्पन्न हों रहे है। जबकि पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश का अक्षरश पालन कराने की बात कह रहा है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जो आदेश दिए गए हैं कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को लेकर उसका अक्षरश पालन किया जाएगा। हर की पैड़ी बने गंगा घाटों पर स्नान प्रतिबंधित रहेगा और बॉर्डर पर भी चेकिंग की जाएगी। तीर्थ पुरोहित समाज के लोग जिला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति स्नान को प्रतिबंधित किए जाने से नाराज भी है तो कुछ समर्थन भी करते दिख रहे हैं। उनका कहना है कि हर चीज का समाधान प्रतिबंध नहीं है। प्रशासन को कोरोनावायरस का पालन कराने के प्रबंध करने चाहिए।