संतो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नीति विरूद्ध- स्वामी कैलाशानंद गिरी

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निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि धर्म संसद प्रकरण में संतों के ऊपर मुकदमा दर्ज किया जाना सही नहीं है। अभिव्यक्ति की आजादी में प्रत्येक व्यक्ति को बोलने का पूर्णरूपेण अधिकार है। धर्म संसद राष्ट्र की रक्षा के लिए आयोजित की जाती है। बुधवार को मीडिया को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि धर्म संसद के पश्चात संतों पर कानूनी कार्रवाई धर्म और नीति के विरुद्ध है। इससे हरिद्वार के समस्त संत समाज में रोष बना हुआ है। सरकार को संतों के ऊपर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेकर उन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि धर्म सत्ता एवं राज्य सत्ता दोनों एक दूसरे के सहयोगी हैं। परंतु धर्म सत्ता राजसत्ता से कहीं ऊपर है। सरकार को धर्म विरुद्ध जाकर संतों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए और संत समाज की मर्यादा का ध्यान रखते हुए गिरफ्तार हुए संतों को तुरंत रिहा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत में एक संविधान है। फिर एक समुदाय विशेष के दबाव में आकर मात्र संतो को ही क्यों निशाना बनाया गया। सरकार को ऐसा अनुचित कार्य नहीं करना चाहिए था।