ब्रेकिंग न्यूज़: शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या के खिलाफ साजिश रचने वाला शांतिकुंज का ही पूर्व सेवादार गिरफ्तार

Listen to this article

शांतिकुंज प्रमुख डा प्रणव पंड्या पर दुष्कर्म के आरोप के मामले में कोर्ट के आदेश पर दोबारा जांच में सामने आया कि शांतिकुंज के ही एक पूर्व सेवादार ने युवती को डरा धमका कर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था । कोर्ट के आदेश पर दोबारा जांच में कई सनसनीखेज जानकरी मिली है। साजिश रचने वाला भी शांतिकुंज का एक पूर्व सेवादार निकला। पुलिस की छानबीन में सामने आया कि पूर्व सेवादार ने युवती को डरा धमका कर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने आरोपित पूर्व सेवादार मनोमहन निवासी पूर्वी सिंहभूम झारखंड को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि साजिश में शामिल पिछले साल मई माह में छत्तीसगढ़ की एक युवती ने दिल्ली के विवेक विहार थाने में शांतिकुंज प्रमुख डा प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी शैलबाला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें युवती ने आरोप लगाया था कि साल 2010 में स्वयंसेवी के तौर पर शांतिकुंज में रहती थी और उसी दौरान प्रणव पंड्या ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बारे में शिकायत करने पर शैलबाला ने मुंह बंद करने की धमकी दी। दिल्ली के विवेक विहार थाने से जीरो एफआइआर ट्रांसफर होकर हरिद्वार आने पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। एक पुलिस टीम ने इस मुकदमे की छानबीन की थी। लेकिन जांच में आरोप साबित नहीं हुए। जिस पर पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। फाइनल रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे। दोबारा विवेचना में सामने आया कि पीड़ि‍ता व उसके माता-पिता को शांतिकुंज के ही एक पूर्व सेवादार मनमोहन ने डरा धमका कर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था।
शहर कोतवाल राकेंद्र कठैत ने बताया कि आरोपित मनमोहन को पूछताछ के लिए हरिद्वार बुलवाया गया था। साजिश रचने और दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने के संबंध में उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर आरोपित मनमोहन निवासी सारजामदा, थाना परसुडीह, जिला पूर्वी सिंहभूम झारखंड को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि साजिश में दो अन्य आरोपितों के नाम भी सामने आए हैं। उनकी तलाश जारी है।
फाइनल रिपोर्ट लगने पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ि‍ता ने यह तर्क दिया था कि कुछ लोगों ने उसे डरा धमका कर आरोप लगाने के लिए मजबूर किया था। वहीं, कोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश देते हुए इस तथ्य पर भी जांच के आदेश पुलिस को दिए थे। पहले इस मामले की जांच उपनिरीक्षक संदीपा भंडारी और फिर उपनिरीक्षक किरन गुसाईं ने की। शहर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनोहर भंडारी व कांस्टेबल राकेश गुरुंग भी टीम में शामिल थे।