हरिद्वार जनपद की आज की ताजा खबरें यहां देखें

Listen to this article

साधना से खुलता सफलता का द्वार: डॉ पण्ड्या

हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि चैत्र नवरात्र के दिनों में साधना के साथ प्रभु श्रीराम के वचनों का चिंतन, मनन से मन को शांति एवं आत्मा को संतुष्टि मिलती है। नवरात्र साधना से सफलता का द्वार खुलता है। भगवान साधक द्वारा की गयी साधना के अनुसार उसका अपराध, प्रारब्ध को कम करते हैं। क्षमा करते हैं।डॉ. पण्ड्या देसंविवि के मृत्युंजय सभागार में आयोजित सत्संग सभा को संबोधित कर रहे थे। रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि माता पार्वती की जिज्ञासाओं को महाकाल शिव समाधान करते हुए कहते हैं कि साधना काल में केवल भगवान की सुननी चाहिए, भगवान के लिए करना चाहिए और भगवान द्वारा निर्धारित मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सद्गुरु के सान्निध्य में की गयी साधना से साधक का मानसिक स्तर सुदृढ़ होता है और आध्यात्मिक प्रगति होती है। मानस मर्मज्ञ डॉ. पण्ड्या ने कहा कि जब भी समाज व राष्ट्र में किसी भी तरह की विपत्ति आई, तब प्रभु ने विभिन्न रूपों में अवतार लेकर समाज व राष्ट्र को मुक्ति दिलाई। आस्था संकट के इस दौर में ईश्वर भक्ति और सामूहिक ईश्वराधना से समाज व राष्ट्र को बचाया जा सकता है। डॉ. पण्ड्या जी ने रामचरित मानस के विभिन्न चौपाइयों के माध्यम से निष्काम भाव से प्रभु के कार्यों एवं साधना से मिलने वाले विभिन्न लाभों का विस्तार से उल्लेख किया। समापन से पूर्व अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ पण्ड्या ने ‘आओ मन में बसा लो प्रभु राम को….’भजन गाकर उपस्थित साधक, श्रोताओं को भक्तिभाव में डूबो दिया। आज के कार्यक्रम का रामचरित मानस की महाआरती के साथ शांति पाठ किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश से आये साधक एवं विवि परिवार उपस्थित रहे।

गंगा सेवा के लिए आगे आएं युवा- सत्यदेव आर्य

हरिद्वार। नमामि गंगे परियोजना में युवाओं की सहभागिता के अंतर्गत नेहरू युवा केन्द्र हरिद्वार के तत्वावधान में दो दिवसीय गंगादूतों के प्रशिक्षण का आयोजन दून रॉक गोल्ड एकेडमी लक्सर में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक चौधरी मुकेश पाल,समाजसेवी मनोज कुमार,जिला परियोजना अधिकारी सत्यदेव आर्य ने दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में सत्यदेव आर्य ने गंगादूतों को नमामि गंगे परियोजना और नेहरू युवा केन्द्र संगठन में युवाओं की क्या भूमिका होनी चाहिए, गंगा को क्यों स्वच्छ बनाना आवश्यक है उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा सिर्फ हमारी सांस्कृतिक धरोहर ही नही बल्कि गंगा का वैज्ञानिक महत्व भी है इसलिए मानव जीवन को यदि बचाना है तो गंगा को बचाना बहुत आवश्यक है और इस संकल्प में युवाओं के साथ साथ समाज के सभी वर्गों को अपनी भूमिका निभानी होगी। मन की बात कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक निपेन्द्र सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने गंगा संरक्षण के लिए पूरी दूरदर्शिता और दृणता के साथ नमामि गंगे परियोजना को शुरू किया। इस अभियान में सभी को मिलकर गंगा संरक्षण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। प्रशिक्षण में जिला पंचायत सदस्य मनीष कुमार भी उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण में गंगा ग्राम वालावाली, कलसिया, बाडीटीप,लक्सर के 50 युवाओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान ललित कुमार, सतीश कुमार,हरीश कुमार, मंथलेश, कुलविंदर, योगेश ने अपना योगदान दिया।प्रशिक्षण का संचालन रोहित कुमार ने किया।

समस्त जगत की पालनहार हैं मां दुर्गा-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जगत की पालनहार मां दुर्गा की नवरात्रों में की गयी आराधना साधक को विशेष पुण्य फल प्रदान करती है। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में नवरात्रों के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की आराधना करने से श्रद्धालु भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। देवी भगवती की कृपा से सभी कार्यो में सफलता मिलती है और जीवन प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि नवरात्र मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को नवरात्रों में मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की आराधना अवश्य करनी चाहिए। मां भगवती की कृपा से श्रद्धालु का जीवन भवसागर से पार हो जाता है और सुख संपदा की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में देवी का पूजन करने के साथ सभी को देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी लेना चाहिए। कन्या पूजन करने से देवी अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों का कल्याण करती हैं।

कूटरचना कर जमीन बेचने के मामले में दो खिलाफ मुकद्मा दर्ज

हरिद्वार। थाना कनखल पुलिस ने कूटरचना कर जमीन बेचने के मामले में दो लोगों को खिलाफ मुकद्मा दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेनू गोयल पत्नि रामप्रकाश गोयल निवासी मौहल्ला होली चौक कनखल ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर अपूर्व वालिया पुत्र प्रमोद वालिया निवासी जगजीतपुर व उपदेश चौधरी पुत्र राजसिंह निवासी मिश्रा गार्डन कनखल पर दस्तावेजों में कूटरचना कर जमीन बेचने व उनके व उनके पति के साथ गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देते देने का आरोप लगाते हुए मुकद्मा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकद्मा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों आरोपी इसके पूर्व भी बलपूवर्क जमीन कब्जाने व एससी एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं।

नगर निगम टीम ने रोड़ी बेलवाला से हटाया अतिक्रमण

हरिद्वार। जिलाधिकारी के आदेश पर चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शनिवार को नगर निगम टीम ने रोड़ी बेलवाला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया। एमएनए दयानन्द सरस्वती के नेतृत्व में टीम ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर लगायी गयी दुकानों को हटवा दिया। इस दौरान नगर निगम टीम ने कई किलो प्लास्टिक की थैलीयां भी जब्त की और दुकानदारों पर जुर्माना लगाया। अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ दुकानदारों ने विरोध किया। लेकिन पुलिस की मौजूदगी के चलते विरोध कारगर नहीं रहा और टीम ने अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। एमएनए दयानन्द सरस्वती ने दोबारा अतिक्रमण करने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी। अतिक्रमण हटाओ अभियान में नगर निगम टीम में सेनेटरी इंस्पेक्टर संजय,विकास,सुनील,अर्जुन,श्रीकान्त आदि शामिल रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाही की जाएगी।

भक्तों की रक्षा करती है मां महिषासुरमर्दिनी-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में शास्त्री नगर में श्रीमद् देवी भागवत के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने महिषासुर मर्दिनी का चरित्र श्रवण कराते हुए बताया कि महिषासुर एक बहुत ही मायावी दानव था। वह ब्रह्मऋषि कश्यप और दनु का पोता और रम्भ नामक दैत्य द्वारा महिषी के गर्भ से उत्पन हुआ था। महिषासुर ने ब्रह्मा की कठोर तपस्या करके वरदान प्राप्त किया था कि कोई देव, दानव या मनुष्य उसे मार ना सके। यदि उसकी मृत्यु हो तो किसी स्त्री के हाथों हो। वरदान प्राप्त कर महिषासुर स्वर्ग लोक में देवताओं को परेशान करने लगा और पृथ्वी पर भी उत्पात मचाने लगा। उसने स्वर्ग पर एक बार अचानक आक्रमण कर दिया और इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया तथा सभी देवताओं को वहाँ से खदेड़ दिया। देवगण परेशान होकर ब्रम्हा, विष्णु और महेश के पास सहायता के लिए पहुँचे। सारे देवताओं ने उसे परास्त करने के लिए युद्ध किया परंतु वे उससे हार गये। कोई उपाय न मिलने पर देवताओं ने उसके विनाश के लिए अपने अपने तेज से देवी दुर्गा को उत्पन्न किया। देवी दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। इसी उपलक्ष्य में नौ दिनों तक नवरात्र उत्सव और दसवें दिन विजयादशमी मनायी जाती है। महिषासुर का वध करने पर देवी दुर्गा का नाम महिषासुरमर्दिनी पड़ा। जो श्रद्धालु भक्त मां दुर्गा के महिषासुरमर्दिनी स्वरूप की पूजा अर्चना करता है। मां हमेशा उसकी रक्षा करती है और समस्त मनोकामना को पूर्ण करती हैं। कथा में मुख्य जजमान विनय गुप्ता,प्रमिला गुप्ता,संजय सचदेवा,मीनू सचदेवा,पार्षद राजेंद्र कटारिया,सूरज शुक्ला,संतोष बब्बर, प्रतिभा शर्मा, अरुण सिंह राणा,पंडित गणेश कोठारी,पुष्पा श्रीवास्तव,नीति शर्मा,आदेश शर्मा, शांति दर्गन, वीणा धवन आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।