गंगा सप्तमी के मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने की प्रतीकात्मक पूजा-अर्चना ,श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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तीर्थनगरी में गंगा सप्तमी का पर्व पूरी श्रद्वा,उत्साह,कोविड नियमों के साथ मनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने गंगा जी पूजा अर्चना कर सुख-समृद्वि की कामना की। सामान्य दिनों की बात करे तो धर्मनगरी हरिद्वार मे मॉ गंगा का जन्मदिन बडी धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा था, गंगा सप्तमी के दिन पवित्र हर की पौडी पर सुबह से ही तीर्थ पुरोहित द्वारा गंगा जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती रही है,साथ ही इस मौके पर देश भर से श्रद्वालु भी मॉ गंगा की पूजा अर्चना करने आया करते थे, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते मंगलवर को गंगा सभा द्वारा हर की पौड़ी पर गंगा सप्तमी के दिन प्रतीकात्मक रूप में पूजा अर्चना की गई। मां गंगा से प्रार्थना की गई कि जल्द ही वैश्विक महामारी कोरोना को पूरे विश्व से खत्म करें। मान्यता है कि पतित पावनी मॉ गंगा, गंगा सप्तमी के दिन बैशाख शुक्ल की सप्तमी को पृथ्वी पर आई थी, मान्यता है की आज के दिन गंगा पूजा व गंगा स्नान का महत्व हजारो अश्वमेश यज्ञ के बराबर बताया गया है। गंगा को पृथ्वी पर आए दस लाख वर्ष हो चुके है तब से लेकर आज तक गंगा मानव को मोक्ष प्रदान कर रही है। हरिद्वार मे आज मॉ गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई तीर्थ पुरोहितयो ने मॉ गंगा की आरती उतारी। मान्यता है की राजा सगर के साठ हजार पुत्रो को मोक्ष प्रदान करने के लिए आज ही के दिन पतित पावन मॉ गंगा ब्रहमा के कमण्डल, विणु जी के चरणो व शिव  की जटाओ से होते हुए पृथ्वी पर आई थी। हरिद्वार मे आज तीर्थपुरोहितो और श्रद्वालुओ द्वारा मॉ गंगा की विशेष पूजा की गई । गंगा मैयया के जन्मदिन के मौके पर गंगा की पूजा अर्चना करने व गंगा मे स्नान करने के लिए देशभर से श्रद्वालु धर्मनगरी हरिद्वार पहुचे हुए है सुबह से काफी कम संख्या में श्रद्वालु गंगा स्नान कर रहे है और गंगा की पूजा कर रहे है श्रद्वालुओ का मानना है कि आज के दिन गंगा की पूजा करने का विशेष महत्व है और आज के दिन गंगा के तट पहुचना उनके लिए सौभाग्य की बात है।