जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने बुधवार को कैम्प कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक ली। बैठक में सर्वप्रथम आगामी मानसून को देखते हुये गंगा के आसपास बहने वाले नालों के क्षमता से अधिक बहने के कारण, उनका पानी गंगा में जा सकता है, के मद्देनजर नालों की सफाई के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी ने बताया कि नगर निगम हरिद्वार को नालों की सफाई के लिये चार लाख रूपये स्वीकृत किये गये हंै, जिस फण्ड से वे नालों की सफाई तुरन्त करायें। उन्होंने कहा कि बरसात से पहले नालों की सफाई होना बहुत जरूरी है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से नालों की वर्तमान की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नालों की सफाई के लिये तीन जे0सी0बी0⁸ लगी हुई हैं तथा 60 कर्मचारी अलग-अलग वार्डों में लगे हुये हैं। इसके अलावा 100 लोग नालों की सफाई में लगे हुये हैं। सी0रविशंकर ने हरकीपौड़ी के पास ऊपर से आने वाले नाले के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इसकी सफाई कर दी गयी है। इसके अलावा गोविन्दपुरी के पास बहने वाले नाले के सम्बन्ध में भी बैठक में चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि फील्ड में जो कार्य हो रहा है, उसकी माॅनिटरिंग करें ताकि किस स्तर पर कहां लापरवाही हो रही है, के सम्बन्ध में जिम्मेदारी निर्धारित की जा सके। वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी ने जहां-जहां गंगा के किनारे अतिक्रमण हो रहा है, उस पर कार्रवाई करते हुये, इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ भी जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गंगा की शुचिता से सम्बन्धित जो भी योजनायें हैं, उनको पूरा करने में आपसी तालमेल बनाते हुये, जितने भी गंगा से जुड़ी योजनायें हैं, उनमें तेजी लायें। वीडियो कांफ्रेंसिंग में डी0एफ0ओ0 नीरज कुमार, नगर निगम, सिंचाई, स्वयं सेवी संस्थाओं-बीइंग भागीरथी आदि सहित गंगा संरक्षण समिति के सम्बन्धित सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने वीडियो कान्फ्रेस के माध्यम से अधिकारियों के साथ डेंगू नियंत्रण के सम्बन्ध में बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। सी0 रविशंकर ने नगर निगम हरिद्वार एवं रूड़की को वार्ड वाइज प्लानिंग करने, मौहल्ला स्वच्छता समिति को सक्षम बनाकर जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही प्रत्येक घर का सर्वे करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि मौहल्ला स्वच्छता समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित करें, जिससे वह लोगों को सिखायें कि डेंगू का लार्वा कैसे पनपता है तथा उसे किस प्रकार नष्ट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फील्ड में जाने वाली टीमंे कोविड-19 के नियमों के अनुसार ही सुरक्षित ढंग से कार्य करंे। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम के कूड़ा वाहन मंे डेंगू से बचाव व जागरूकता संबंधी गीत चलायें। प्रचार प्रसार में डेंगू संबंधी बनाये गये कंट्रोल रूम का नम्बर भी दें। अंडर कन्सट्रक्शन साइट तथा स्लम बस्तियों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिलाधिकारी ने सीएमओ ंको निर्देश दिये कि जनपद में कुल कितने प्राइवेट लैब है तथा कितनी लैब में डेंगू की जांच की जा सकती है, इसका पूर्णं विवरण उपलब्ध करायें तथा प्रत्येक प्राइवेट लैब द्वारा डंेगू की जांच किये जाने पर आने वाले प्रत्येक केस की सूचना उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी,कर्मचारी व्यक्तिगत रूचि लेकर डेंगू के विरूद्ध अभियान चलायें। बैठक में सीडीओ हरिद्वार श्री सौरभ गहरवार, जिला पंचायतराज अधिकारी रमेश त्रिपाठी, नगर आयुक्त नगर निगम रूडकी श्रीमती नुपुर वर्मा आदि ने वीडियो कान्फ्रेस के माध्यम से प्रतिभाग किया।