मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। वट वृक्ष की पूजा अर्चना करने से सुहागिनों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वट अमावस्या पर पूजन कर महिलाएं अपनी पति की दीर्घ आयु की कामनाएं करती हैं। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि माता सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से मुक्त कराकर ले आई थीं। इसी वजह से इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत में महिलाएं वट वृक्ष और सावित्री-सत्यवान की पूजा करती हैं। वट सावित्री व्रत की कथा को सुनने मात्र से ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन वटवृक्ष की पूजा का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन वटवृक्ष की पूजा से सौभाग्य व स्थायी धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
2021-06-10