योग स्वच्छ व निरोगी रहने की सबसे अच्छी विद्या- स्वामी कैलाशानंद गिरी

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निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय ऋषि मनीषियों द्वारा प्रतिपादित योग स्वस्थ व निरोगी रहने की सबसे अच्छी विधा है। आज पूरी दुनिया योग को अपना रही है। श्री दक्षिण काली मंदिर में दिल्ली व हरियाणा से आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्राचीन काल से ही भारतीय ऋषि मनीषियों द्वारा प्रतिपादित योग विद्या का उपयोग स्वस्थ व निरोग रहने के लिए किया जाता रहा है। योग स्वस्थ रहने की ऐसी विद्या है जिसके नियमित अभ्यास से असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए योग साधना से बेहतर कोई उपाय नहीं है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया ने योग के महत्व को समझा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से विश्व भर में योग को मान्यता मिली। 21 जून को पूरी दुनिया विश्व योग दिवस मनाती है। जिससे भारतीय संस्कृति व परंपरांओं का पता चलता है। उन्होंने कहा कि योग अपनाने से शरीर व मन की दुर्बलताएं दूर होती हैं। जटिल से जटिल बीमारियों का निदान योग से किया जा सकता है। योग करने से बौद्धिक क्षमताओं का विस्तार होता है। कोरोना काल में योग स्वस्थ्य रहने के लिए सबसे उपयुक्त माध्यम है। नियमित रूप से योग आसनों व प्राणायाम का अभ्यास करने से रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। जिससे कोरोना महामारी को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना विश्वव्यापी रूप ले चुका है। पूरी दुनिया में लोग कोरोना से बचाव के लिए योग को अपना रहे हैं। योग गुरू बाबा रामदेव ने विश्व को योग की महत्ता को बताया। उनके प्रयास प्रासंगिक हैं। मौके पर लालबाबा, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र आदि मौजूद रहे।