देश में मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में सशक्त शासक-मदन कौशिकण
प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह जब भी कोई निर्णय ले, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर ले। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी व आत्मनिर्भर बनाने में अपनी शक्ति को लगायें। होटल क्लासिक हेरिटेज, शिवालिक नगर में राष्ट्रीय युवा शक्ति संगठन द्वारा आयोजित ’’राष्ट्रहित सर्वोपरि’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उद्घाटन के बाद संबोधित कर रहे थे। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की पहचान उसके देश से होती है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि भारत के शौर्य की गााथा पूरे विश्व में मिलती है। चाणक्य ने भारत की अखण्डता के लिये जो प्रयास किये, उसे हम सभी लोग जानते हैं। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक एकता में आदिगुरू शंकराचार्य की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री के रूप में सशक्त शासक है। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये आरएसएस के डाॅ0 इन्द्रेश कुमार ने ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ एवं सर्वे भवन्तु सुखिन-सर्वे सन्तु निरामया का उल्लेख करते हुये कहा कि विश्व में भारत ने सबसे पहले मित्रता की नींव डाली। उन्होंने कहा कि भाई-बहन का रिश्ता ईश्वर देता है, जबकि मित्रता का रिश्ता मानवीय है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति जिस पद या स्थान पर बैठा है, वह अगर मानव कल्याण के लिये कार्य करता है, तभी लम्बे समय तक लोग उसे याद रखते हैं। इस अवसर पर पण्डित दीन दयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुये उन्होंने कहा कि आज पं0 दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती है, जिन्होंने अन्त्योदय का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि दीन-दुःखी उठेगा तो भारत महान बनेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य की इज्जत जीवन मूल्यों से होती है। उन्होंने कहा कि हमें त्याग व बलिदान का संकल्प लेना होगा। डाॅ0 इन्द्रेश कुमार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसके देश से है। उन्होंने कहा कि आज का भारत एक नया भारत है। उन्होंने कहा कि भारत नौजवानों का देश है। उन्होंने कहा कि भारत की 54 प्रतिशत से अधिक की आबादी इस समय युवाओं की है। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये महामण्डलेश्वर स्वामी उमाकान्तानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि युवा शक्ति बहुत ही अद्भुत है। उन्होंने आदिगुरू शंकराचार्य, आइंसटीन, राइट ब्रदर्स, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रामतीर्थ, सन्त ज्ञानेश्वर, खुदीराम बोस आदि का उदाहरण देते हुये कहा कि अगर आप विश्व के इतिहास का अध्ययन करेंगे, तो पायेंगे कि विश्व के सारे बड़े-बड़े कार्य युवावस्था में ही हुये हैं। कार्यक्रम में सुबोध उनियाल, मदन कौशिक, डाॅ0 इन्द्रेश कुमार, महामण्डलेश्वर स्वामी उमाकान्तानन्द सरस्वती महाराज को पुष्पगुच्छ, शाॅल एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर रविन्द्र त्रिपाठी को उद्योग के क्षेत्र में, सरिता मुखर्जी को समाज सेवा, मां आस्था को धार्मिक, राजकुमार मुखर्जी को कोविड-19 में लोगों की मदद करने, प्रीति बाला रतूड़ी, मनवीर सिंह को आत्मनिर्भर भारत के लिये कार्य करने, दिलीप, मुकेश आदि को भी प्रतीक चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया गया।