पुलिस कस्टडी में हुई सफाई कर्मचारी की मौत से गुस्साए दलित संगठनों ने किया प्रदर्शन

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*राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर एक करोड़ मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी की मांग*

यूपी के आगरा में पुलिस कस्टडी में हुई सफाई कर्मचारी की मौत से गुस्सायें दलित संगठनों वाल्मीकि महासंघ के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने पैदल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिवार को एक करोड़ मुआवजा, सरकारी भवन, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और सुरक्षा दिलाने देने की मांग की। शनिवार को वाल्मीकि महासंघ के बैनर तले सैकड़ों लोग नगर निगम प्रांगण में एकत्र हुए। यहां से सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। यहां सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह व प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्रमिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आगरा के थाना जगदीशपुरा में थाने के सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की माल खाने से 25 लाख रुपये चोरी के झूठे आरोप में पुलिस ने पीट-पीटकर 17 अक्तूबर को हत्या कर दी गई। कहा कि हरियाणा के यमुनानगर जेल में युवक की हत्या, हाथरस में बेटी साथ दरिंदगी के बाद हत्या, दिल्ली में मासूम के साथ बलात्कार कर हत्या, सिंघु बॉर्डर पर धार्मिक ग्रंथ छू लेने पर भी दलित समाज के व्यक्ति की हत्या और अब उत्तर प्रदेश के आगरा में भी हत्या किया जाना दलित समाज के लोगों पर अत्याचार का पुख्ता प्रमाण है। इसके बाद भी समाज के जनप्रतिनिधियों की चुप्पी टूटने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे समाज विरोधी जनप्रतिनिधियों की पीड़ित वाल्मीकि समाज घोर निंदा करता है।प्रदर्शन करने वालों में भंवर सिंह, सुरेंद्र तेश्वर, राजेंद्र श्रमिक, आत्माराम बेनीवाल, सुनील राजौर, नानक चंद, वीरेंद्र श्रमिक, डॉक्टर भोरे, रफल पाल सिंह, सरोज पाल सिंह, नसीर अहमद, सुरेंद्र पास्टर, सिलेक् चंद, राजेश खन्ना, बलराम चुटेला, राजू खेरवाल, लक्ष्मीचंद, जितेंद्र तेश्वर, प्रवीण तेश्वर, संजय पेवल, संजू बाबा, श्यामसुंदर, प्रधान राजेश छाछर, आशीष राजोर, आनंद कांगड़ा, बंटी चंचल, राजेश हवलदार, प्रमोद बिरला, कुलदीप कांगड़ा, सुभाष खेरवाल, सुनीला, अनुराग, कुलदीप, दीपक, नवीन चंचल, लोकेश आदि शामिल रहे।