तीर्थनगरी हरिद्वार में भी छठ पर्व को लेकर की व्यापक तैयारियां शुरू हो गई है। हरिद्वार में रहने वाले पूर्वांचल समाज के लोगों ने छठ पूजा को लेकर गंगा घाटों की साफ-सफाई का कार्य भी शुरू कर दिया। रविवार को पूर्वांचल उत्थान संस्था के सदस्यों ने बहादराबाद स्थित गंग नहर घाट पर साफ-सफाई का कार्य शुरु करा दिया। अभी भी छठ पूजा कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लेकिन रानीपुर विधायक आदेश चौहान के आश्वासन के बाद लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है और उत्साह के साथ लोग छठ पर्व की तैयारी करने में जुट गए हैं। तीर्थ नगरी हरिद्वार में छठ पूजा को लेकर असमंजस के बादल छंटने लगे हैं। हरिद्वार के जिलाधिकारी के बाद रानीपुर विधायक ने भी गंगा तटों पर छठ पर्व के आयोजन को लेकर आश्वासन दिया है। पूर्वांचल के लोगों को विश्वास हो चला है कि इस बार छठ पर्व का आयोजन गंगा तटों पर संभव हो सकेगा। करोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से लोग घर पर रहकर ही छत पर मनाने के लिए मजबूर थे। गौरतलब है कि लोक आस्था का पर्व छठ पर्व को लेकर पूर्वांचल समाज के लोगों में खासा उत्साह रहता है। बड़ी संख्या में लोग गंगा घाटों पर जाकर छठ पर्व मनाते हैं। गंगा घाटों पर उत्सव का माहौल बना रहता है। करोना महामारी के दौरान शासन प्रशासन की ओर से छठ पर्व के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी ।इसके चलते पिछले 2 वर्षों से गंगा घाटों पर आयोजन नहीं हो सका था। इस बार लोगों को उम्मीद है कि वह गंगा घाट पर छठ पर्व मना सकेंगे। रविवार को रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से छठ पर्व के आयोजन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है इसके चलते गंगा घाटों पर लोग पर्व मना सकेंगे। विधायक आदेश चौहान के आश्वासन के बाद लोगों के मन में भारी उत्साह है और जोर शोर से गंगा घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी है। इसके पूर्व शनिवार को हरिद्वार के जिलाधिकारी की ओर से भी छठ पर्व के संबंध में आदेश जारी करने का आश्वासन दिया गया था। रविवार को पूर्वांचल उत्थान संस्था के राम अवतार सिंह, वरुण शुक्ला, कृष्ण कुमार यादव, गौरव यादव, संतोष पांडे, प्रमोद पटेल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने बहादराबाद के गंग नहर घाट पर साफ सफाई का कार्य शुरू करवाया।
चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत कल से
लोकआस्था का महापर्व छठ सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगी। चार दिवसीय पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को खरना, बुधवार को अस्ताचलगामी और गुरुवार को उदीयमान सुर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। दूसरी ओर लोकआस्था के इस चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर शहर और देहात में पूर्वाचलियों की ओर से विशेष तैयारियां की गई हैं। परम्परा है कि पहले दिन छठ व्रती महिला गंगा स्नान कर लौकी और चने की दाल की सब्जी और चावल का भात ग्रहण करेंगी। अगले दिन चैबीस घंटे निराहार रहकर छठ व्रती महिला चावल और गुड़ की बनी खीर और रोटी प्रसाद रूप में सूर्यदेव को अर्पित करेंगी। बुधवार को गंगा तटों पर नाना प्रकार के पकवान और मौसमी फलों के साथ अस्ताचलगामी सूर्य और गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महाव्रत का समापन होगा। महापर्व को लेकर बाजारों में खरीददारी को लेकर अभी से ही चहल पहल शुरू हो गई है। पूर्वांचल जन जागृति संस्था के संरक्षक कमलेश्वर मिश्रा, उपाध्यक्ष ललिता मिश्रा ने बताया कि संस्था के बैनर तले हरकी पैड़ी के अलावा कनखल सती घाट, भीमगोड़ा, बैरागी कैंप और प्रेमनगर आश्रम घाट पर सामूहिक छठ पूजन होगा। छठ व्रतियों को सूर्यदेव को अध्र्य देने के लिए दूध आदि की व्यवस्था संस्था की ओर से भी की जाएगी। बुधवार को संध्याकालीन अध्र्य देने के बाद जो श्रद्धालु गंगा घाटों पर भोर तक रुकना चाहेंगे उनके लिए दरी कंबल, टेंट आदि की भी व्यवस्था करायी जाएगी। हरकी पैड़ी पर पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था की जाएगी। बताया कि संस्था की ओर से इस बार कलश यात्रा नहीं निकाली जाएगी। वहीं पूर्वांचल उत्थान संस्था, भोजपुरी लोक समिति आदि छठ पूजा की तैयारियों में जुटी है।