*भुगतान के लिए एक लाख के फर्जी टेस्टिंग बिल जमा कराये गये थे,हुआ था फर्जी लैटर हेड का उपयोग*
कुंभ मेला कोरोना टेस्टिंग घोटाले की एसआईटी जांच में नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच के मुताबिक कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग में करीब एक लाख टेस्टिंग के जो बिल जमा किए गए थे वो पूरी तरह फर्जी थे। इन बिलों को हिसार स्थित नलवा लेबोरेट्रीज के लैटर हैड का प्रयोग कर तैयार किया था। जांच अधिकारी का दावा है कि ये बिल डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ ने तैयार किए थे। हालांकि, नलवा लैब के डा. नवतेज नलवा को इस फर्जीवाडे की जानकारी थी या नहीं, इस बारे में पुलिस जांच कर रही है। फिलहाल डा. नवतेज नलवा फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। कुंभ मेला में मैक्स कोरपोरेट सर्विसेज ने हिसार हरियाणा स्थित नलवा लेबोट्रीज और दिल्ली स्थित डा. लालचंदानी लैब्स के जरिए कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग की थी। बाद में जांच के दौरान ये बात सामने आई थी कि करीब एक लाख से अधिक टेस्ट फर्जी किए गए और इनके फर्जी बिल तैयार कर कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग में जमा भी कर दिए गए। वहीं इन फर्जी बिलों को जांच के बिना ही कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग ने कुछ भुगतान भी कर दिया था, लेकिन करीब चार करोड़ का भुगतान करने से पहले इस घोटाले का खुलासा हो गया। इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर के आदेश पर सीएमओ डा. एसके झा ने नगर कोतवाली में मैक्स, नलवा और डा. लाल चंदानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हाई प्रोफाइल मामला होने के चलते बाद में इस मामले में एसआईटी बना दी गई थी। हालांकि अभी जांच जारी और आशीष वशिष्ठ, मैक्स कोरपोरेट सर्विसेज के मालिक मल्लिका पंत और शरत पंत को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच अधिकारी निरीक्षक राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि बिलों का अवलोकन एक्सपर्ट के जरिए कराया गया, जिसमें ये पाया गया कि बिलों को नलवा के लैटर हैड में फर्जीवाडा कर तैयार किया गया था। क्योंकि, इन बिलों में आईसीएमआर आईडी निल है जो फर्जीवाडे की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि ये तथ्य सीडीओ सौरभ गहरवार की जांच में भी समाने आया था, जो हमारी जांच में पुख्ता हुआ है। हालांकि हमने अभी तक डा. नवतेज नलवा को क्लीन चिट नहीं दी है और उन्हें इस फर्जीवाडे की पूरी जानकारी थी या नहीं इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, वो फरार है और उनको गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।