आज हिन्दू पंचांग की तिथि के अनुसार स्वामी विवेकानंद जी की 160 वीं जयन्ती श्री रामकृष्ण मिशन मठ और चिकित्सालय में रोगी नारायण सेवा के रुप में विशेष प्रकार से मनाई गई। इस अवसर पर मठ के साधु संतों और चिकित्सालय के चिकित्सकों ने अस्पताल में भर्ती रोगियों की धूप, दीप, तिलक लगाकर और माला पहनाकर पूजा अर्चना की और रोगियों को प्रसाद के रुप में फल और बिस्कुट भेेंट किये। रामकृष्ण मिशन मठ में आज सुबह स्वामी विवेकानंद जी की पूजा अर्चना की गई। और स्वामी रामकृष्ण परमहंस, मॉं सारदा और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाओं को भोग चढ़ाया गया।
स्वामी विवेकानंद जी की जयन्ती इस तरह रामकृष्ण मिशन मठ में एक नए अंदाज में मनाई गई। अस्पताल में भर्ती रोगी इस तरह अपनी पूजा अर्चना संतों और चिकित्सकों द्वारा किए जाने से बेहद अचरज में थे। इस अवसर पर स्वामी रामकृष्ण मिशन मठ के मन्दिर और स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा को फूलों की मालाओं से सजाया गया था।
रामकृष्ण मिशन मठ के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी की 160 वीं जयन्ती उनके रोगी नारायण सेवा के रुप में पंचांग की तिथि के अनुसार मनाई गई है। उन्होंने कहा कि मिशन के चिकित्सालय में रोगियों की सेवा के लिए अत्याधुनिक आपातकालीन कक्ष, सीटी स्कैन सेंटर डायलिसिस सुविधा उपलब्ध है और भविष्य में चिकित्सालय में एक नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई गई है।
मठ के वरिष्ठ संत स्वामी दयाधिपानंद ने कहा कि शिव आश्रम में स्वामी जी के सिद्धांत नर सेवा ही नारायण सेवा को सभी कार्यरत डॉ एवं स्टाफ मूर्त रूप में प्रतिपादित करता है यहां हर रोगी की नारायण रूप में ही सेवा की जाती है इस अवसर पर मठ के स्वामी मंजू महाराज, डा0 चौधरी, डा0 मौदक सहित कई संत और चिकित्सक उपस्थित थे।