धर्म के मार्ग पर चलने वालों का हमेशा कल्याण होता है-स्वामी ऋषि रामकृष्ण
हरिद्वार। निर्ध्रन निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वालों का हमेशा कल्याण होता है। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि सनातन धर्म सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करने का संदेश देता है। भगवान राम व श्रीकृष्ण ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए बुराईयों को समाप्त करने का मार्ग दिखाया। हिंदू धर्म शास्त्रों में मानव सेवा को ईश्वर पूजा के समान बताया गया है। इसलिए सभी को धर्मानुसार आचरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहने वाले संत महापुरूष भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गौ गंगा गायत्री के प्रति समर्पित ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज ने संत परंपरांओं का पालन करते हुए हमेशा ही समाज को नई दिशा प्रदान की। स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज द्वारा शुरू किए गए सेवा प्रकल्पों का विस्तार करते हुए समाज के जरूरतमंदों की सेवा में अनुकरणीय योगदान कर रहे हैं।
श्रीरामचरितमानस कविता नहीं वेदों की ऋचाएं हैं-आचार्य करुणेश मिश्र
हरिद्वार।‘श्रीरामचरितमानस की दोहे, चौपाइयाँ और सोरठे केवल एक कविता मात्र नहीं, बल्कि वेदों की ऐसी साक्षात् ऋचाएं हैं,जिन्हें समझने के लिये किन्हीं नियमों, उप-नियमों अथवा किसी व्याकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि इन्हें एक साधारण व्यक्ति भी आसानी से समझ और अंगीकार कर सकता है।‘‘श्रीरामचरितमानस पर उपरोक्त विचार कथा व्यास एवं अध्यात्म चेतना संघ के संस्थापक व संचालक आचार्य करुणेश मिश्र ने बी.एच.ई.एल.के सेक्टर-5बी स्थित शिव-हनुमान मंदिर में आयोजित सुन्दरकांड पाठ के साप्ताहिक पारायण के 22वें वार्षिक समारोह में प्रवचन करते हुए व्यक्त किये। आचार्य करुणेश ने कहा कि, वास्तव में तो रामचरितमानस को भगवान शिव ने रचा था, बाद में संत तुलसीदास ने इसको प्रकाशित किया। उन्होंने श्रीरामचरितमानस के नाम के तीन सोपानों-मानस, चरित्र और प्रभुश्रीराम की व्याख्या करते हुए कहा कि रामचरितमानस मानस को सुनकर ही मन आनन्दित हो जाता है। आचार्य करुणेश जी ने उपस्थित भक्तजनों से कम से कम पाँच-दस दोहे प्रतिदिन पढ़ने का आग्रह किया, क्योंकि यही एक ऐसा ग्रंथ है, जो मनुष्य के मन (मानस) को पवित्र करता है, चरित्र निर्मल करता है और तब ईश्वर की प्राप्ति में कोई देर नहीं लगती। उन्होंने बताया कि, इस ग्रंथ के विश्वासपूर्ण अनेक चमत्कार देखे गये हैं। इसके पूर्व कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रभुप्रेमियों ने श्रीरामचरितमानस से श्रीकाक-भुशुंडी प्रसंग का सस्वर पाठ किया,हवन में आहुतियाँ डाली गयीं और अंत में आरती के बाद सभी कल प्रसाद वितरण किया गया। साप्ताहिक सुन्दरकाँड पारायण कार्यक्रम के संचालक अरुण कुमार पाठक ने जानकारी दी कि, सुन्दरकांड का यह शनिवासरीय पारायण पिछले बाईस वर्षों से निरन्तर तथा निर्बाध रूप से जारी है। उन्होंने बताया इस कार्यक्रम को जून, 2000 में भेल के सैक्टर 5 बी स्थित लोगों के निवास स्थानों पर किया जाता था। वर्ष 2012 से इसे मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसे शुरु करने का मुख्य उद्देश्य लोगों में भक्ति भावना का प्रचार-प्रसार करना तथा आपसी मेलजोल बढ़ाना था। कार्यक्रम मंदिर के पुजारी लाखीराम गोंदियाल के साथ-साथ वार्षिक समारोह में राजेन्द्र कुमार गुप्ता,छोटे लाल,संजय कुमार बिष्ट,अरविन्द दुबे,देवेन्द्र कुमार मिश्र, कल्पना कुशवाहा, कंचन प्रभा गौतम आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
भागवत कथा के दौरान राम जन्म की महिमा का प्रसंग सुनकर झूमे श्रद्वालुगण
हरिद्वार। श्री कृष्ण प्रणामी निज धाम भूपतवाला में तापड़िया आश्रम बाबरा गुजरात के पूज्य स्वामी 1008 घनश्याम दास बापू जी महाराज के परम सानिध्य में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में अपराहन दोपहर में श्री राम जन्म हुआ। जिसमे गुजरात से आए तापड़िया आश्रम के हजारों भक्तगणों ने कथा सुन एवं भगवान राम जन्म की महिमा देख भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास परम पूज्य अमित प्रसाद भट्ट के श्री मुख से संगीतमय कथा का श्रवण कर समस्त श्रोता श्री राम जन्म की महिमा सुन झूम उठे मानो की उन्हें सामने प्रत्यक्ष रूप में ईश्वर की अनुभूति हो रही हो इस अवसर पर परम पूज्य 1008 घनश्याम दास जी महाराज ने कहा हरिद्वार जैसी पावन धरा पर जो भी तापड़ी आश्रम के भक्त गण कथा श्रवण कर रहे हैं या किसी ना किसी माध्यम से कथा उन तक पहुंच रही है उन सभी को उनके मनवांछित फल प्राप्त होंगे तथा सभी भक्तों गणों को इस पावन धरा हरिद्वार नगरी में कथा सुनने पर तथा कथा आयोजन में भाग लेने पर उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करते हुए ईश्वर से कामना करता हूं कि सभी भक्त जनों की सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति के साथ-साथ उनके सभी मनोरथ पूर्ण हो। उनके जीवन में हजारों खुशियों की बहार आए यह मेरा सभी भक्तजनों कथा श्रोताओं को आशीर्वाद है। इस अवसर पर तपाडिया आश्रम के भक्त मनु भाई रामजी भाई खेवडिया ने कहा कि पूज्य गुरुदेव 1008 घनश्याम दास बापू के परम सानिध्य में एवं उनकी परम कृपा अनुसार हम सभी भक्तजनों को इस पावन धरा पर श्रीमद्भागवत जैसी पावन कथा का श्रवण करने का अवसर मिला है वो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस अवसर पर मनु भाई राम जी भाई खेवडिया,महेंद्र भाई अमर कोटिया,माली अशोक भाई अमर कोठिया, मालिक मनु भाई राम भाई खेवरिया,भानिया अरविंद,भाई अमर भाई कोटिया माली मुकेश भाई अमर कोटिया मालिक अरविंद भाई राम भाई बरोलिया माली चंद्रेश भाई दिलीप भाई अरविंद भाई राम जी भाई बरोलिया माली दिलीप भाई ढोलकिया ब्रज फ्लावर हितेश भाई मीठापारा वकील साहिब बाबरा हितेश भाई अमर कोटिया माली सहित अनेकों श्रद्धालु हजारों की संख्या में तगड़ी आश्रम के भक्तगण कथा में पधारे हुए हैं।