दुखभरी खबर: पत्रकार तनुज वालिया पंचतत्व में विलीन, मुख्यमंत्री धामी और सूचना महानिदेशक तिवारी ने जताया शोक

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गमगीन माहौल में हुई तनुज की अंतिम विदाई

हरिद्वार। युवा एवं वरिष्ठ पत्रकार तनुज वालिया पंचतत्व में विलीन हो गए उनके सुपुत्र रुद्रा वालिया ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। उनका अंतिम संस्कार आज कनखल स्थित शमशान घाट पर किया गया। वे 45 वर्ष के थे। तनुज वालिया के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी तनुज वालिया के आकस्मिक निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। नैनीताल के आयुक्त दीपक रावत हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने तनुज वालिया को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें प्रखर पत्रकार बताया कल रविवार की देर रात उनको ह्दयघात हुआ। जिसके बाद उन्होंने मेट्रो अस्पताल में रात्रि 12.30 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। उन्हें शहर के तमाम पत्रकारों, राजनेताओं व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी।
हरिद्वार की पत्रकारिता का जाना माना नाम और अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर तनुज वालिया का देर रात हार्ट अटैक आने के बाद तबियत बिगड़ने के कारण मेट्रो हॉस्पिटल में निधन हो गया।ये खबर सुनते ही हरिद्वार में उनके रिश्तेदारों सहित सभी पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई। हरिद्वार के कई लोकप्रिय समाचार पत्रों जैसे अमर उजाला,दैनिक जागरण सहित कई बड़े बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनल में सेवाए देने के बाद इन दिनों वे ईटीवी उत्तराखंड ने कार्यकर्त थे। रोजाना की तरह अपने काम को गंभीरता से लेते हुए रविवार को भी उन्होंने निरंतर खबरे प्रसारित की उनके द्वारा रविवार को आखिरी खबर सायंकाल 6:22 पर भेजी गई जिसके बाद अचानक उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें सिडिकुल स्तिथ मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहा देर रात उनका निधन हो गया। मृत्यु की खबर आते ही जिसे जिसे भी खबर प्राप्त होती रही वह वह हॉस्पिटल और उनके आवास और मेट्रो हॉस्पिटल की तरफ दौड़ पड़ा। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी तादाद में पत्रकार राजनेता समाजसेवी धर्माचार्य मौजूद थे