धर्म-कर्म: श्रीरामचरितमानस कथा का श्रवण, मनन और चिंतन मुक्ति का मार्ग: आलोक गिरी

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अयोध्या की टूटी आस, भगवान राम चले वनवास: हरिदास महाराज

हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरितमानस कथा का श्रवण, चिंतन और मनन करने वाला प्राणी संसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है। कलयुग में श्रीराम कथा अनंत पुण्यों को प्रदान करने वाली कथा है। ऐसे में रामकथा के आयोजन में भक्तों को बढ़ चढ़कर भाग लेना चाहिए।
जगजीतपुर-जमालरोड रोड पर फुटबॉल ग्राउंड जगजीतपुर के समीप स्थित श्रीबालाजी धामसिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीरामचरित मानस कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास स्वामी हरिदास महाराज ने भगवान राम के वन गमन प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम के राजा बनने का अयोध्यावासियों का सपना टूट गया। पिता के लिए वचनों को पूरा करने के लिए भगवान राम को वन जाने के लिए तैयार होना पड़ा। उनके साथ लक्ष्मण और माता सीता भी तैयार हो गई।‌ रामराज्य के उत्सव में संलग्न अयोध्या नगरी शोक के सागर में डूब गई। सबको रोता बिलखता छोड़ भगवान वन को चले गए।‌ राम कथा में महंत केदार गिरी महाराज, पुजारी मनकामेश्वर गिरी, शंकर गिरी , मुख्य यजमान अखिलेश सिंह, पार्षद नागेंद्र राणा, विकास गर्ग, प्रदीप गुर्जर, रमेश रावत, कालका प्रसाद कोठारी, विष्णु देव ठेकेदार, जगमोहन नेहिल, हरीश चौधरी, नितिश चौधरी, रोहित नेगी , प्रद्युम्न ठाकुर, पं सोहन ढोण्ढियाल, विवेक कश्यप, मंजू निहाल सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।‌