सद्भावना से ही राष्ट्र मजबूत होगा
हरिद्वार । ऋषिकुल मैदान में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सद्भावना सम्मेलन के दूसरे दिन भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए उत्तराखंड सरकार में कैबिनेटमंत्री व सुविख्यात समाजसेवी श्री सतपाल महाराज ने कहा कि हरिद्वार हरि का द्वार है, गंगा का द्वार है, गंगा स्वर्ग की धारा थी।भगीरथ ने कर्म किया और स्वर्ग की धारा को धरती पर उतार दिया। ऐसे ही हम भी कर्म करेंगे तो स्वर्ग को धरती पर उतार सकते हैं। उन्होनें कहा कि गंगा किसी से भेदभाव नहीं करती, सबकी प्यास बुझाती है, गंगा सदभावना का संदेश देती है, देश में सदभावना फैलेगी तो देश मजबूत होगा। देश को मजबूत बनाने के लिए हमें सद्भावना फैलानी है।
श्री महाराज जी ने कहा कि वैशाखी पर्व पर हमअध्यात्म को समझें, विवेकानंद जी जब स्वामी रामकृष्ण परमहंस के पास गए और उनसे पूछा कि क्या आपने परमात्मा को देखा? तो स्वामी रामकृष्ण परमहंस कहते हैं, जैसे में तुम्हें देख रहा हूँ ऐसे ही मैंने परमात्मा को देखा है, उतनी स्पष्टता से मैंने उसका अनुभव किया है और मैं तुम्हें भी अनुभव करा सकता हूँ। महाराज श्री ने कहा कि महापुरुष यही कहते हैं कि मैं अनुभव करा सकता हूँ, उस अनुभव के लिए हम तत्वदर्शी महापुरुष के पास जाते हैं, उनकी सेवा द्वारा प्रसन्न करके आत्मज्ञान की दीक्षा लेकर अपना कल्याण करते हैं।
श्री महाराज ने उपस्थित सभी भक्त समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हे भारतवासियों! हम सब मिलकर चलेंगे तो अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और अपने देश को विश्वगुरु बनाएंगे, यह सब एकता और सद्भावना से ही संभव है। मराठी में मन एक मध्यस्थ पुस्तक और तेलुगु में सदगुरू महिमा का विमोचन श्री गुरू महाराज जी के कर कमलों द्वारा।
सम्मेलन में श्री विभुजी महाराज जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो भक्त जीवन में संघर्ष करते हुए अपने गुरु महाराज के प्रति अटूट श्रद्धा रखता है, ऐसे भक्त पर परमात्मा की सदैव कृपा बनी रहती है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री महाराज , पूज्य माता श्री अमृता व अन्य गणमान्य विद्वानों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। बालकलाकारों द्वारा तेलगु भाषा में प्रेरणादायक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। मंच संचालन महात्मा श्री हरिसंतोषानंद ने किया।