सभी को गुरु और माता-पिता का सम्मान करना चाहिए
श्रद्धालु भक्तों से अपील, गंगा की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता बनाए रखे
हरिद्वार। निर्धन निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि गुरू और माता पिता ईश्वर के समान हैं। सभी को गुरू और माता पिता का सम्मान करना चाहिए और उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि माता पिता बालक के प्रथम गुरू और शिक्षक दूसरे गुरू हैं। जिनमें शिक्षा प्रदान करने वाले गुरू का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षा प्रदान करने वाले गुरू को परमात्मा का दर्जा प्रदान किया गया है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गुरू गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताए। अर्थात शिष्य को परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग बताने वाले गुरू का स्थान सर्वोच्च है। गुरू के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए धर्म के मार्ग पर चलने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी और शिवानन्द भारती महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति को कभी कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता। गुरू के सानिध्य में धर्म का अनुसरण करते हुए जीवन यापन करने वालों पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। उन्होंने श्रद्धालु भक्तों से अपील करते हुए कहा कि गंगा की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता बनाए रखने में भी सहयोग करें। किसी भी प्रकार की गंदगी और पुराने कपड़े गंगा में ना डालें। घाटों पर पॉलीथीन का प्रयोग ना करें। दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरित करें।