पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के समर्थन में गुकाविवि कर्मियों का प्रदर्शन
हरिद्वार। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के कर्मचारियों ने देशभर के कर्मचारियों द्वारा 14 जून को डिमांड डे मनाए जाने के चलते पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन का समर्थन करते हुए विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के नेतृत्व में समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0अम्बुज कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित करते हुए मांग की कि कर्मचारियों के भविष्य के हितों को ध्यान में रखते हुए अविलम्ब केन्द्र व राज्य सरकारों को पुरानी पेंशन योजना बहाली व कर्मचारियों की विभिन्न लम्बित मांगों को अविलम्ब पूर्ण करते हुए कर्मचारियों के हितों के लिए कदम उठाने चाहिए। उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के सम्प्रेक्षक प्रकाश चन्द्र तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर सभी कर्मचारी पूर्ण निष्ठा के साथ अपने कार्यो को पूर्ण करते हुए देश की भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करने में अपना योगदान दे रहे हैं। ऐसे में नई पेंशन नीति के चलते कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के उपरान्त सुरक्षित भविष्य व जीवनयापन के लिए पुरानी पेंशन योजना अविलम्ब आवश्यक है,जिसे सरकारों को अपने स्तर से कर्मचारी हितों को देखते हुए कदम उठाना चाहिए। इस अवसर पर श्याम कुमार कश्यप,शशिकान्त शर्मा,डॉ पंकज कौशिक,डा0विक्रम, हेमन्त सिंह नेगी ,अर्जुन,कुलदीप,सुशील रौतेला,राजीव गुप्ता,रमाशंकर,विरेन्द्र पटवाल,कुलभूषण शर्मा,अरविन्द कुमार,अमित धीमान,रूपेश पन्त,सुधाकर,ओमवीर,महेश चन्द्र जोशी,वेदप्रकाश थापा,सेठपाल,मोहन ,सुशील कुमार,राजीव गुप्ता,रंजीत,धर्मेन्द्र बालियान,संजय शर्मा,तरुण,विकास कुमार,राजीव कुमार ,आशीष थपलियाल,सत्यदेव,किशन कुमार,राजवीर,नीरज भट्ट,विकास कुमार,ओमवीर,नरेन्द्र मलिक, पंकज, समीर राणा उपस्थित रहे।
“रक्तदान बेहद पुनीत कार्य है” – प्रवीण चन्द्र झा
बीएचईएल में मनाया गया विश्व रक्तदाता दिवस
हरिद्वार। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बीएचईएल हरिद्वार में रक्तदान अमृत महोत्सव मनाया गया। इस उपलक्ष्य में बीएचईएल हरिद्वार के चिकित्सा विभाग द्वारा मुख्य चिकित्सालय में एक ब्लड ग्रुप जांच शिविर का आयोजन किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक प्रवीण चन्द्र झा ने इस शिविर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रवीण चन्द्र झा ने कहा कि हमारे द्वारा किया गया रक्तदान,किसी के जीवन के लिए वरदान हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं रक्तदान करना चाहिए तथा औरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने सभी महाप्रबंधकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को स्वैच्छिक रक्तदान हेतु शपथ भी दिलायी। साथ ही पर्यावरण जागरूकता का संदेश देते हुए मुख्य चिकित्सालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवाएं) डा.शारदा स्वरूप ने रक्तदान से सम्बंधित विभिन्न जानकारियों पर प्रकाश डाला। इस शिविर में स्वैच्छकि रक्तदान करने वालों का पंजीकरण भी किया गया,जिससे भवष्यि में रक्त की आवश्यकता होने पर सम्बन्धित व्यक्ति से सम्पर्क किया जा सके। साथ ही लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए बीएचईएल उपनगरी में अनेक स्थानों पर बैनर तथा पोस्टर लगाये गये और विश्व रक्तदाता दिवस के स्टीकर भी वितरित किये गये। इस अवसर पर अनेक महाप्रबंधक, वरिष्ठ अधिकारी,चिकित्सक तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ के सदस्य आदि उपस्थित थे।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए न्यायिक कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा अभियान
उच्च न्यायालय के निर्देश पर न्यायाधीशों,न्यायिक कर्मियों द्वारा जारी है स्वच्छता अभियान
हरिद्वार। स्वच्छता अभियान का उद्देश्य पुलिस कार्यालयों, विभिन्न अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों में विशेष जागरूकता लाना है। स्वच्छता अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना व आसपास के वातावरण को स्वच्छ व साफ बनाने हेतु आमजन की भागीदारी व जागरूकता सुनिश्चित करना है। यह जानकारी अपर जिला सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्य एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संगीता आर्य ने न्यायिक अधिकारियों द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता सप्ताह अभियान के सम्बन्ध में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दी। बताया कि इस अभियान का मुख्य उददे्श्य समाज व वातावरण को साफ रखा जा सके। स्वच्छता अभियान को लेकर बुधवार को रोशनाबाद न्यायालय सभागार में जनपद न्यायाधीश के प्रतिनिधि पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्य व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संगीता आर्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अभय सिंह ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशों के अनुपालन में जनपद हरिद्वार में 12 से लेकर 18 जून तक स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अनुक्रम में 12 जून को माननीय जनपद न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी के नेतृत्व में स्पोर्ट्स स्टेडियम रोशनाबाद हरिद्वार स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया था, जिसके तहत बुधवार को लगातार तीसरे दिन न्यायालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। अभियान में न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि स्वच्छता अभियान के अंतर्गत हरिद्वार हरकी पैड़ी पर 18 जून को सुबह 8ः00 बजे से लेकर 12ः00बजे तक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। हरिद्वार जनपद में न्यायिक अधिकारियों की टीमें बनाई गई, मुख्यालय हरिद्वार पर 10 टीमें होंगी जिसमें न्यायिक अधिकारी कर्मचारीगण व प्रशासन के लोग होंगे रुड़की क्षेत्र में छह टीमें होंगी और लक्सर में तीन टीमें बनाई गई है जिससे कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर सफाई अभियान चलाया जा सके। सफाई अभियान का उद्देश्य हरिद्वार शहर को स्वच्छ व साफ बनाना है तथा भारत में हरिद्वार जिले को सबसे साफ और सुंदर जिले के रूप में पहचान बनाना। ताकि बाहर से लोग आए और कहा कि हरिद्वार से साफ व सुंदर शहर कहीं नहीं है स्वच्छता अभियान में डीएम एसएसपी सीडीओ का भी सहयोग दिया जा रहा है।
शिक्षक हर दिन क्लास में आज के भारत का निर्माण करताः स्वामी अनुकूलानंद
हरिद्वार। तपोवन कुटीर उत्तरकाशी में चल रहे तीन दिवसीय चिन्मय विजन प्रोग्राम के तहत आवासीय कार्यशाला मैं शिक्षकों को छात्रों में देशभक्ति, भारतीय संस्कृति और सार्वभौमिक दृष्टिकोण का विकास करने में सहायक पद्धतियां सिखाई गई.सेंट्रल चिन्मय मिशन ट्रस्ट के जोनल डायरेक्टर स्वामी अनुकूलानंद ने अपने वक्तव्य में कहा कि हर शिक्षक अपनी क्लास में आज के भारत का निर्माण करता है।.व्यक्ति के चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षक पर होती है और अगर कोई भी क्रिमिनल कोर्ट में ट्रायल के लिए लाया जाता है तो उसके साथ उसका शिक्षक भी लाया जाना चाहिए। एक शिक्षक का इतना जिम्मेदारी का काम है। जरूर कहीं मूल्यों पर आधारित शिक्षा में कमी के कारण ही समाज में अराजक तत्व पैदा होता है। विभिन्न सत्रों में सीसीएमटी के एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर मीना श्रीराम ने शिक्षकों को छात्रों में प्रयोगात्मक तरीके से बात को समझाने की तकनीक समझाई। योग साधना और जब ध्यान के साथ-साथ उन्होंने टीम भावना से कार्य करने के कुछ खेल भी कार्यशाला में करवाएं। ब्रह्मचारी सनातन चैतन्य ने बच्चों में राष्ट्रभक्ति जगाने के लिए शिक्षकों का आवाहन किया कि वे अपनी हर क्लास में कम से कम 5मिनट जरूर देश में हो रहे नए इनोवेशन के बारे में चर्चा करें और अपने भारत की शक्तियों और कमजोरियों के बारे में अवगत कराएं। ब्रह्मचारी सनातन चैतन्य ने कहा कि वर्तमान में जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि और विशेषकर जम्मू और कश्मीर जैसे राज्य में इसका अधिवेशन होना एक सुखद अनुभव है। मीना श्री राम ने कहा कि युवा ही देश की दशा बदल सकते हैं और इसके लिए उनको दिशानिर्देश एक शिक्षक ही दे सकता है। कार्यशाला में शिक्षा में देशभक्ति का महत्व और क्लासरूम तक उसके क्रियान्वयन के बारे में विस्तार से चर्चा हुई गौरतलब है कि चीन में सेंट्रल मिशन ट्रस्ट द्वारा देशभर में 300 से ऊपर स्कूल चलाए जा रहे हैं एवं 700 गांव में ग्रामीण प्रोजेक्ट के माध्यम से हर रोज लगभग 60 हजार लोगों को लाभ पहुंच रहा है. बच्चों और युवाओं में भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने में भी मिशन का अद्भुत योगदान है।
अखाड़ा परंपरा में पंच परमेश्वर का फैसला सर्वोच्च-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के दो पक्षों में चल रहे विवाद को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परंपरा में पंच परमेश्वर का फैसला सर्वोपरि होता है। पंचो का निर्णय परमेश्वर के निर्णय के समान है। उन्होंने कहा कि जो पंच का विरोधी है वह परमेश्वर का विरोधी है। मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ा परंपरा में पंचों का स्थान सर्वोपरि है, इसीलिए उनका निर्णय भी सर्वमान्य होता है। यह सभी अखाड़ों में जहां-जहां पंचायती व्यवस्था होती है। वहां पर पंचपरमेश्वर द्वारा ही पदाधिकारी नियुक्त होते है। पंचयोग्य व्यक्ति को ही पदों पर आसीन करते हैं,यदि कोई व्यक्ति पद का नाजायज फायदा उठाता है तो पंच परमेश्वर उसे बाहर निकालने का अधिकार भी रखते है। यह अखाड़ों की प्राचीन परंपराएं हैं। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने अपील करते हुए कहा कि बाहरी लोग अखाड़े से दूर रहें और हस्तक्षेप कर विवाद बढ़ाने का प्रयास ना करें। कहा कि यह अखाड़े का आपस का विवाद है, आज नहीं तो कल निस्तारण हो जायेगा। कोई भी व्यक्ति अखाड़े आश्रम के साधु संत या अन्य व्यक्ति पंच के फैसले पर उंगली उठाने का प्रयास न करे पंच का फैसला ही परमेश्वर का फैसला है।