चैनेलाईजेशन के नाम पर जेसीबी, पोकलैंड से गंगा में खनन की अनुमति ? : स्वामी शिवानन्द

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हरिद्वार। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सतपाल महाराज नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए पूरी योजना बनाकर हाई कोर्ट जायेंगे ताकि बाढ़ की परिस्थितियों से पार पाया जा सके। लेकिन चैनेलाइजेशन खनन है । ऐसा लगता है कि चैनेलाइजेशनइन के नाम पर जेसीबी, पोकलैंड से खनन की अनुमति दी जाएगी और सारा माल स्टोन क्रेशरों को भेजा जाएगा । आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज के साथ जो अन्य गणमान्य मौजूद थे, उनमें से अधिकांश का खनन और स्टोन क्रेशिंग माफियाओं के साथ सीधा संबंध है । स्वामी शिवानंद ने “महाराज का मुख्यमंत्री से आग्रह, पानी में डूबे क्षेत्रों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए”, जिसमें प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज द्वारा बयान दिया गया है कि पूलों के नीचे गाद बढ़ जाने के कारण नदियों का पानी घरों में घुस रहा है। ऐसे में नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए पूरी योजना बनाकर हाई कोर्ट जायेंगे ताकि बाढ़ की परिस्थितियों से पार पाया जा सके। स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा नदी को चैनेलाइज करने के नाम पर खनन कैसे हो, इसपर सभी नेता-अधिकारी एकमत होकर अपने-अपने विशेषज्ञ राय रख रहे हैं । सरकार केवल हरिद्वार और गंगा जी को नष्ट करने के लिए लगी है । जब माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से खनन बंद है तब चैनेलाइजेशन के नाम पर खनन कर स्टोन क्रेशर को माल पहुंचाएंगे ? गंगा जी में अनेक द्वीप थे, आज उनमें से अधिकांश नष्ट हो गए हैं या होने के कगार पर हैं । बाढ़ को रोकने के लिए नदी किनारे जो बांध बनते हैं, उन्हें जान-बूझकर तोड़कर खनन की अनुमति दी जाती है । नेता और अधिकारी इस बात को ठीक से समझ ले कि हरिद्वार में बाढ़ का मुख्य कारण खनन है । हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी श्री आर मीनाक्षी सुंदरम का 2010 का बयान है कि हरिद्वार में खनन से नदी को गहरा कर दिया गया, जिससे नदी में कटान अधिक हुआ जिस कारण से बाढ़ की स्थिति बनी है । इसलिए अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध व आवंटित खनन पट्टों को निरस्त किया जाएगा ।