आगामी 2 से 5 नवंबर तक देश की आध्यात्मिक राजधानी काशी में बड़ी संख्या में साधू-संत, विद्वान-जुटेंगे
हरिद्वार: प्राचीन भारतीय संस्कृति पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में आगामी 2 से 5 नवंबर तक देश की आध्यात्मिक राजधानी काशी में बड़ी संख्या में साधू संत, विद्वान जुटने जा रहे हैं। हाल ही में विपक्षी दलों के कुछ नेताओं द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयानों के विरोध में साधु संत संस्कृति संसद का आयोजन करने जा रहे हैं। आगामी 2 से 5 नवंबर को यूपी के वाराणसी में संस्कृति संसद की जाएगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा से जुड़े पदाधिकारी संस्कृति संसद आयोजित करेंगे। संस्कृति संसद में देश के सभी मठ मंदिर और धार्मिक संस्थाओं के साधु संतो को बुलाया गया है। हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सनातन धर्म के अपमान को संत समाज बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। वाराणसी में होने वाली संस्कृति संसद में ऐसा करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।