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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ जाएगा

हरिद्वार। सन्यास रोड़ स्थित श्री बापेश्वर धाम आश्रम के कोठारी महंत कमल गिरी महाराज ने अयोध्या में आयोजित किए जा रहे राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया है। कोठारी महंत कमल गिरी महाराज ने कहा कि हिंदू समाज के लगभग पांच सौ वर्षो के संघर्ष के पश्चात यह ऐतिहासिक अवसर आया है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारत के गौरवशाली इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही हिंदू गौरव का यह अवसर आया है। सभी इस ऐतिहासिक और गौरवशाली अवसर पर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। यदि अयोध्या नहीं जा सकें तो घर में 11 दीप जलाकर परिवार संग भगवान राम का पूजन और आरती करें और प्रसाद वितरण करें। भगवान राम जन-जन के आराध्य और आदर्श हैं। सभी को भगवान राम के चरित्र का अनुसरण करते हुए आदर्श समाज की स्थापना में सहयोग करना चाहिए। कोठारी महंत कमल गिरी महाराज ने कहा कि परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत समाज का उद्देश्य समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है। समाज के जरूरतमंद वर्ग की मदद और संत सेवा के लिए श्री बापेश्वर धाम आश्रम द्वारा कई सेवा प्रकल्पों का संचालन किया जा रहा है। तीन राज्यों में भाजपा को मिली जीत की बधाई देते हुए महंत कमल गिरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर विश्वास व्यक्त करते हुए तीन राज्यों की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी है।

दुष्टों के संहार, देवत्व की प्राप्ति के लिए यज्ञ का आयोजनः स्वामी शिवानंद

बाबा बालकदास के प्रयासों से होगा, लालढांग क्षेत्र का कायाकल्पः प्रीतम सिंह

हरिद्वार। हरिद्वार के ग्रामीण इलाके में स्थित श्री धू्रव चौरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल में चल रहे नौ-दिवसीय 108 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ के चौथे दिन मंगलवार को उपस्थित श्रद्धालु-भक्तों को संबोधित करते हुए संत बालकदास महाराज ने कहा कि कलयुग में राम नाम का सुमिरन करने से मनुष्य इस भवसागर से पार कर जाता है और रामनाम की आहुति डालने समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने से व्यक्ति स्वयं पूजनीय हो जाता है। मनुष्य को सांसारिक व्यवस्था छोड़कर भगवान के भजन में जुट जाना चाहिए जिसके लिए उसका जन्म हुआ है। बताते चलें कि हरिद्वार-नजीबाबाद रोड पर थाना श्यामपुर क्षेत्र के सजनपुर पीली गांव में स्थित श्री ध्रूव चौरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल में चल रहे 108 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ में शामिल होने के लिए देश भर से भक्तो का आगमन जारी है। मंगलवार को राजवीर सिंह (न्यायधीश उच्च न्यायालय प्रयागराज) प्रीतम सिंह( भाजपा विधायक धनौल्टी) और स्वामी,स्वामी शिवानंद महाराज (मातृसदन संस्थापक) का आगमन हुआ। संत बालकदास महाराज ने सभी गणमान्य अतिथियों का आभार जताते हुए स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। साथ में 108 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ की परिक्रमा कर पुण्य प्राप्त किया। इस मौके पर स्वामी शिवानंद ने कहा कि दुष्टों के संहार और देवत्व की प्राप्ति के लिए यज्ञ किया जाता है। पुरातन काल से यह परंपरा चली आ रही है। विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि जनकल्याण के लिए बाबा बालकदास का प्रयास सराहनीय है। हास्पिटल के माध्यम से बाबा बालकदास ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ नर्सिंग कॉलेज और राममंदिर का निर्माण होने से क्षेत्र का कायाकल्प होगा। इस मौके पर महामंडलेश्वर ध्रूवदास महाराज,संत बालकदास महाराज,देवदास महाराज, कमल किशोर दास महाराज,डॉ.रोहित सिंह, प्रशांत चौधरी,डॉ.संजीव तोमर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें।

शिवानंद जी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई

हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री शिवानंद धाम आश्रम में त्याग मूर्ति स्वामी 1008 श्री शिवानंद जी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद महाराज ने कहा शिवानंद आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष ज्ञान और त्याग की एक अखंड ज्योति थे। उन्होंने अपने विरक्त सन्यास जीवन में समाज में धर्म के प्रति एक ज्ञान की क्रांति उत्पन्न की। उन्होंने सनातन परंपरा को आगे बढ़ने का कार्य किया। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्रीमहंत स्वामी नरेशानंद महाराज ने कहा पूज्य गुरुदेव ज्ञान की एक विशाल गंगा थे उनके ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। गुरुदेव का तपोबल आज भी आश्रम में विद्यमान है सभी भक्तजनों पर उनकी अपार कृपा बनी हुई है। गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत स्वामी कमलेश स्वरूप सरस्वती ने कहा स्वामी शिवानंद जी महाराज ने भक्तजनों को कल्याण का मार्ग दिखाने के साथ-साथ उन्हें उनका लोक और परलोक सुधारने का भक्ति का मार्ग दिखाए। स्वामी शिवानंद जी महाराज ज्ञान और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिद विलाशानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, महंत हरिहरानंद महाराज, महंत नारायण दास पटवारी,महंत सूरज दास, महंत सत्यव्रतानंद जी महंत कैलाशानंद महाराज, महंत दुर्गादास महाराज, बड़ा अखाड़े के सचिव गोविंद दास महाराज, महंत नरेशानंद महाराज, पंजाबी बाबा स्वामी कृष्ण देव महाराज, केशवानंद महाराज रामानंद महाराज, रामदास महाराज, गगन देव महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे।

संतो संग श्रद्वालुओं ने ब्रहमलीन रंगअवधूत महाराज को दी श्रद्वांजलि

हरिद्वार। आर्य निवास निरंजनी अखाड़ा रोड में 1008 श्री श्री रंग अवधूत जी महाराज नारेश्वर गुजरात की पावन पुण्यतिथि भक्तजनों ने एक भव्य उत्सव में मनाई। पूज्य रंगअवधूत जी महाराज 1968 में श्री आर्य निवास में ब्रह्मलीन हो गए थे। सात दिवसीय संत महापुरुषों की गरिमामय उपस्थिति में गुरुदेव की पुण्यतिथि कार्यक्रम मंगलवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए श्री गंगादास उदासीन महाराज ने कहा जगत पर अमृत रूपी ज्ञान वर्षा करने वाले भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाने वाले परम प्रतापी संत थे। रंग अवधूत जी महाराज नालेश्वर जिन्होंने धर्म और समाज में ज्ञान की एक अखंड ज्योति जगाई। इस अवसर पर बोलते हुए श्रीपाद पाठक ने कहा गुरुदेव ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे उनकी ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने के बाद भक्त अपने यह जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री आदित्य भाई पुरोहित ने कहा परम पूज्य गुरुदेव ने ज्ञान की एक ऐसी गंगा बहाई जिसमें स्नान कर भक्तों का जीवन धन्य हो गया। बड़ा पंचायती अखाड़ा के सचिव स्वामी गोविंद दास जी महाराज ने कहा संत महापुरुषों का जीवन समाज को समर्पित होता है उनके प्रति एक कार्य में समाज का हित निहित होता है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज ने कहा स्वामी रंग अवधूत जी महाराज ने अपने ज्ञान के माध्यम से भक्तों को सत्य का मार्ग दिखाया। इस अवसर पर महंत कैलाशानंद, महंत रवि देव महाराज, पंजाबी बाबा महंत दिनेश दास स्वामी गगन देव महाराज ब्रह्मानंद पुरी महाराज रामदास महाराज स्वामी प्रेमानंद महाराज, स्वामी कृष्णदेव महाराज, स्वामी हरिहरानंद महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी, श्याम गिरी महाराज, श्रवण दास, रमेशानंद देहरादून, बाबा धर्मदास रामदास , आदित्य भाई पुरोहित,श्रीपाद पाठक,कमलेश भाई पटेल,रमेश भाई ठाकर,आस्था बेन सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे।