सजगता व सतर्कता ही किसी आपदा से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम-जिलाधिकारी

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हरिद्वार: सजगता व सतर्कता ही किसी भी आपदा से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम है। यह बात जिलाधिकरी कर्मेन्द्र सिंह ने आपदा कंट्रोल रूम में चल रहे आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए कही। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी आपदा बताकर नहीं आती, सजगता व सतर्कता ही किसी भी आपदा से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय स्थानीय एवं सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके ही आपदा के प्रभावों को आसानी से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फर्स्ट रिस्पॉन्डर जितना सजग होगा,राहत कार्यों में उतनी ही आसानी होगी। उन्होंने कहा कि सिखाई गई जानकारी को व्यवहार में लाए तथा अन्य को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्थानीय लेवल पर भी प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए और वीडीओ के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी कार्यशाला में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा नदी किनारे बसे व्यक्तियों को भी विशेष रूप से जागरुक किया जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी वर्करों के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते हुए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, हरिद्वार द्वारा 150 आंगनबाडी कार्यकत्रियों हेतु 25सितम्बर से 08अक्टूबर के माध्य आपदा प्रबन्धन,खोच बचाव प्राथमिक सहायता, व अग्नि सुरक्षा के सम्बन्ध में प्रशिक्षण कार्यशाला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, कार्यालय सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें आगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा 30-30 के बैंचवार 150प्रतिभागियों के अतिरिक्त आपदा प्रबन्धन कार्मिकों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यशाला के पंचम व अंतिम प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस मनोज कण्डियाल,मास्टर ट्रेनर द्वारा आपदा प्रबन्धन में समुदाय की भूमिका व आपदा से बचाव के बारे में तथा स्वस्थ्य विभाग से डॉ.गुरनाम सिंह,जिला मलरिया अधिकारी द्वारा डेगू से बचाव के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय दिवस अग्निशमन विभाग द्वारा प्रतिभागियों को आग के प्रकार तथा आग को बुझाने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया,आग के बुझाने के तरीकों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। नई दिल्ली से विशेष आमंत्रित सहायक चीफ सिविल डिफेन्स डा.विनोद भारद्वाज द्वारा प्रतिभागियों को आपदा प्रबन्धन खॉज एवं बचाव प्राथमिक उपचार हेतु प्रयोगात्मक जानकारी प्रदान की गयी तथा वैकल्पिक स्ट्रेचर बनाने तथा घायलों को सुरक्षित ले जाने विषय में प्रतिभागियों को प्रयोगात्मक भी कराया गया। अन्त में मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन किया गया।