पंजाब में पराली जलाने की समस्या गंभीर होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद, राज्य में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 10 दिनों में ही 3162 नए मामले सामने आए हैं। इस कारण राज्य की हवा बेहद प्रदूषित हो गई है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दिया है। आयोग की एक टीम 13 नवंबर को पंजाब का दौरा करेगी। यह टीम राज्य में पराली प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लेगी। इसके साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेगी।
राज्य सरकार ने भी इस मुद्दे पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और कई को नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर पराली जलाने का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है।
पराली जलाने के कारण राज्य की हवा का स्तर खराब हो गया है। कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, खासकर अस्थमा और दिल के मरीजों को।
यह समस्या राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। इसमें किसानों को पराली जलाने के विकल्प उपलब्ध कराना, जागरूकता अभियान चलाना और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शामिल है।
मुख्य बिंदु:
* पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं।
* राज्य की हवा बेहद प्रदूषित हो गई है।
* वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग पंजाब का दौरा करेगा।
* राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
* संगरूर जिले में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले हैं।