प्रदर्शन उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर बढ़ते असंतोष का संकेत है
हरिद्वार: आज पूरे जनपद में ऋषिकुल से लेकर गंगाजी तक बड़ी संख्या मैं लोग सड़कों पर उतरे। मूल निवास और भू-कानून के समर्थन में यह विशाल प्रदर्शन मोहित डिमरी, लूशुन टोडरिया और प्रॉंजल नोडियाल जैसे नेताओं के नेतृत्व में हुआ।
यह रैली ऋषिकुल से शुरू होकर शिवमूर्ति, बाल्मीकि चौक होते हुए हर की पैड़ी पहुंची। रास्ते भर प्रदर्शनकारी “सुन ले दिल्ली देहरादून, हमे चाहिए भू कानून”, “गुड़, गन्ना, गंगा को बचाना है, मजबूत भू कानून लाना है”, जैसे नारे लगा रहे थे। महिलाएं और युवा पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर आंदोलन के गीत गा रहे थे।
रैली को संबोधित करते हुए मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जमीन और जंगलों पर बाहरी लोग कब्जा कर रहे हैं। हमारे संसाधनों की लूट हो रही है। किसान अपनी जमीन गंवा रहे हैं और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।
डिमरी ने कहा कि सरकार को भू-कानून का ड्राफ्ट जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने 26 नवंबर से ऋषिकेश में भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की।
रैली में प्रमुख रूप से पहाड़ी महासभा के अध्यक्ष तरूण व्यास, महासचिव जसवंत सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष मयंक पोखरियाल, अतोल गुसांई, जय किशन न्यूली, डॉ. हरिनारायण जोशी, गंगादत्त मिश्रा, सुभाष पुरोहित, भगवती पंत, संजय नैथानी, प्रकाश चन्द जोशी, जे0पी0 जुयाल, एसपी बौठियाल, शिवरामपुरी, तेजसिंह रावत, अंजु उप्रेती, सरोजनी जोशी, मंगली रावत, सुषमा कोटनाला, निशा जोशी, भुवनेश पाठक, दीपक नौटियाल, महावीर नेगी, मुकुल जोशी, हर्ष प्रकाश काला, कमला बमोला आदि शामिल रहे।
इस प्रदर्शन में कई संगठनों ने हिस्सा लिया, जिनमें शामिल हैं:
* पहाड़ी महासभा
* उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति
* उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति
* कुमाऊंनी एकता परिषद
* जिला/शहर व्यापार मंडल
* सैनी सभा
* सिडकुल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
* सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी कल्याणकारी समिति
* व्यापार सभा
* भारती किसान यूनियन
* पूर्व सैनिक संगठन
* उदय भारत सिवित सोसाइटी
मुख्य मांगें:
* उत्तराखंड में स्थायी मूल निवास का दर्जा
* मजबूत भू-कानून
* राज्य के संसाधनों पर बाहरी लोगों का कब्जा रोकना
* युवाओं के लिए रोजगार के अवसर