पुष्कर मेला महज एक मेला नहीं बल्कि एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव है जो राजस्थान की धरती पर हर साल रंगों और उल्लास से भर जाता है। इस साल यह मेला 9 से 15 नवंबर तक चला। ऊंट दौड़, लोक नृत्य और जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन इस मेले की खासियत हैं।
ऊंटों का राज: इस मेले में ऊंटों की दौड़ एक प्रमुख आकर्षण है। सजे-धजे ऊंटों को दौड़ाते हुए ऊंट चालक अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। ऊंट सौंदर्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।
सांस्कृतिक रंग: मेले में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत झलकती है। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों द्वारा कालबेलिया नृत्य, अग्नि-श्वास के करतब और पारंपरिक संगीत का प्रदर्शन किया जाता है।
खरीदारी का स्वर्ग: मेले में हस्तशिल्प, चमड़े के सामान और आभूषणों की भरमार होती है। आप यहां खूबसूरत राजस्थानी वस्तुएं खरीद सकते हैं।
स्वादिष्ट व्यंजन: राजस्थानी व्यंजन जैसे दाल-बाटी, चूरमा, गट्टे की सब्जी और कचौरी का स्वाद लेना न भूलें।
विश्व का संगम: पुष्कर मेले में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग आते हैं। मेले में विभिन्न संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है।
ऊंटों का शहर: पुष्कर मेला ऊंटों के लिए प्रसिद्ध है। मेले में आप हर तरफ ऊंट ही ऊंट देखेंगे।
संपादक की टिप्पणी:
पुष्कर मेला एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे। अगर आप राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानना चाहते हैं तो पुष्कर मेला आपके लिए एक बेहतरीन जगह है।