श्रीमद्भागवत कथा: ज्ञान का अथाह भंडार -स्वामी रविदेव

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हरिद्वार:  स्वामी रविदेव शास्त्री ने हरिद्वार के श्रीगरीबदासीय आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कहा कि यह कथा ज्ञान का एक अथाह भंडार है। कथा श्रवण से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शास्त्री जी ने बताया कि भगवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। यह अज्ञान के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश जलाती है। कथा श्रवण से व्यक्ति में वैराग्य जागृत होता है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
विशेषकर गंगा नदी के तट पर संत महापुरुषों के सानिध्य में भगवत कथा का आयोजन और श्रवण दोनों लोक (इस लोक और परलोक) के लिए बहुत शुभ होता है। कथा के प्रभाव से पितरों को भी मोक्ष मिलता है।
शास्त्री जी ने कहा कि कलयुग में भगवत कथा एक वैतरणी के समान है जो सभी पापों को धो देती है। इसलिए हर व्यक्ति को भगवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
अन्य संतों ने भी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भगवत कथा साक्षात श्रीहरि की वाणी है। इसका श्रवण करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और परिवार पर हमेशा ईश्वरीय कृपा बनी रहती है।
इस आयोजन में कई अन्य संत, यजमान और भक्त उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस पवित्र आयोजन को सफल बनाया।
मुख्य बिंदु:
* श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का अथाह भंडार है।
* कथा श्रवण से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
* भगवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है।
* कथा श्रवण से अज्ञान के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश जलाती है।
* कथा श्रवण से व्यक्ति में वैराग्य जागृत होता है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
* कलयुग में भगवत कथा एक वैतरणी के समान है।