* आज सोशल मीडिया के कारण पत्रकारिता में बड़ा बदलाव आया है -जिला सूचना अधिकारी
* आजकल धार्मिक खबरें सोशल मीडिया पर ज्यादा आ रही हैं और इन्होंने पत्रकारिता को एक हाशिए पर धकेल दिया है – श्रवण झा
* मीडिया जनमानस को क्या परोस रही है इसको देखना आवश्यक- त्रिलोक चंद भट्ट
* खबरों को बेचकर जो खरीद ले कार उसे पत्रकार कहते हैं- डा.रजनीकांत
* आज बहुत से युवा साथी सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार बने बैठे हैं – अमित शर्मा, अध्यक्ष,प्रेस क्लब
* सोशल मीडिया में अपना अकाउंट खोलकर आज हर व्यक्ति व्यूज़ पाने के लिए पत्रकार बन बैठा है- डॉ.सुनील बत्रा
हरिद्वार: सूचना विभाग द्वारा प्रेस दिवस पर आयोजित एक गोष्ठी में सोशल मीडिया के कारण पत्रकारिता में आए बदलावों पर चर्चा हुई। सभी वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के परिदृश्य को बदल दिया है।
सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान: सोशल मीडिया ने खबरों के प्रसार को तेज़ किया है लेकिन साथ ही, फेक न्यूज़ की समस्या भी पैदा की है।
प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता: प्रिंट मीडिया को अभी भी अधिक विश्वसनीय माना जाता है क्योंकि इसमें खबरों को छापने से पहले जांच होती है।
पत्रकारिता एक मिशन है: कई वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारिता सिर्फ एक नौकरी नहीं बल्कि एक मिशन है।
* राजनीतिक दखल: पत्रकारिता पर राजनीतिक दखल बढ़ने के कारण पत्रकार स्वतंत्र रूप से काम करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
* सोशल मीडिया पर पत्रकारिता: सोशल मीडिया ने हर किसी को पत्रकार बना दिया है लेकिन इसके लिए कुछ मानक होने चाहिए।
* पत्रकारिता के मानक: पत्रकारिता के लिए कुछ मानक तय किए जाने चाहिए ताकि केवल योग्य लोग ही इस क्षेत्र में आ सकें।
गोष्ठी में उठे मुख्य मुद्दे:
* सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़
* प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता
* पत्रकारिता पर राजनीतिक दखल
* पत्रकारिता के लिए मानक
* कॉपी-पेस्ट पत्रकारिता
गोष्ठी में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष दीपक नौटियाल, राजेश शर्मा, राजेंद्र नाथ गोस्वामी, संजय आर्य एवम् वरिष्ठ पत्रकार राहुल वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार सुदेश आर्या, पत्रकार बालकिशन शास्त्री आदि ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार मुदित अग्रवाल, सूर्यकांत बेलवाल, सुभाष शर्मा ‘कपिल’, नरेश दीवान शैली, प्रतिभा वर्मा, विभिन्न समाचार पत्रों एवं चौनलों के पत्रकार बंधु एवं प्रेस क्लब के सदस्य आदि मौजूद रहे।
संपादक की टिप्पणी:
सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के परिदृश्य को बदल दिया है। इस बदलाव के साथ कई चुनौतियाँ भी आई हैं। पत्रकारिता के लिए कुछ मानक तय किए जाने चाहिए ताकि इस क्षेत्र में गुणवत्ता बनी रहे।