उत्तराखंड में यूपी राजकीय निर्माण निगम द्वारा कराए गए सरकारी कार्यों में 130 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। विभागीय जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद पुलिस ने निगम के पांच पूर्व अफसरों के खिलाफ छह मुकदमे दर्ज किए हैं।
गबन के मामले:
* कौशल विकास के छह करोड़ का समायोजन नहीं।
* रिलीफ सेंटर्स में 428 लाख रुपये का गबन।
* पर्यटन कार्यों में 159.85 लाख रुपये हड़पे गए।
* विभिन्न कार्य कराने में 10,971.65 लाख रुपये की अनियमितता।
* दून मेडिकल कॉलेज में ओपीडी ब्लॉक निर्माण में 993 लाख रुपये का घपला।
* स्ट्रीट लाइट लगाने में 562.78 लाख रुपये की गड़बड़ी।
नामजद अभियुक्त:
* शिव आसरे शर्मा, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक (अतिरिक्त महाप्रबंधक पद से रिटायर)।
* प्रदीप कुमार शर्मा, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक (अतिरिक्त महाप्रबंधक के पद से रिटायर)।
* चीरेंद्र कुमार रवि, तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी स्तर-2 (बर्खास्त एवं सेवानिवृत्त)।
* रामप्रकाश गुप्ता, तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी स्तर-2 (रिटायर)।
* सतीश उपाध्याय, तत्कालीन इकाई प्रभारी स्थानिक अभियंता (रिटायर)।
फर्जी साइन से इंजीनियरों के तबादले:
सिंचाई विभाग के सचिव आर. राजेश कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से विभाग के तीन इंजीनियरों का तबादला कर दिया गया। मामले का खुलासा होने पर सचिव ने जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित इंजीनियरों को मूल तैनाती पर ही रहने को कहा है। सचिव ने दोषियों के विरुद्ध एफआईआर के आदेश दिए हैं और पूर्व में हुए सभी तबादलों के भी परीक्षण को कहा है।
2025-02-24