वन-जन के रिश्ते को मजबूत और वनों को आजीविका से जोड़ने का प्रयास- वन मंत्री
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने वन और जन के रिश्तों को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने 628 करोड़ रुपये की लागत से हर्बल मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है। इस मिशन के तहत वन पंचायतों की भूमि पर जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए वन पंचायत अधिनियम और नियमावली में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं।
इस मिशन को लागू करने के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, और इसे आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
हर्बल मिशन के मुख्य बिंदु:
* बजट: 628 करोड़ रुपये
* उद्देश्य: वन पंचायतों की भूमि पर जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों की खेती को प्रोत्साहित करना।
* कानूनी संशोधन: वन पंचायत अधिनियम और नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।
* अधिकार: वन पंचायतों को जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों की खेती, उत्पादों की निकासी और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के अधिकार दिए जाएंगे।
* शुरुआती चरण: पहले चरण में 500 वन पंचायतों को शामिल किया जाएगा।
* लक्ष्य: आमजन को वनों से आजीविका के अवसर प्रदान करना और उन्हें वनों की सुरक्षा से जोड़ना।
* शुरुआत: यह मिशन नए वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाएगा।
वन मंत्री का वक्तव्य:
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “हम वन-जन के रिश्ते को मजबूत करने और वनों को आजीविका से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। हमारा उद्देश्य जन को यह विश्वास दिलाना है कि जंगल केवल सरकारी संपत्ति नहीं हैं, बल्कि उनके अपने हैं। इसी उद्देश्य से वन पंचायतों में हर्बल मिशन की शुरुआत की जा रही है।”
मिशन का उद्देश्य:
* वन और जन के बीच संबंधों को मजबूत करना।
* वनों से आजीविका के अवसर उत्पन्न करना।
* वन संरक्षण को बढ़ावा देना।
* जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों की खेती को प्रोत्साहित करना।
* स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
पृष्ठभूमि:
उत्तराखंड में पहले वन और जन के बीच गहरा संबंध था, लेकिन 1980 में वन अधिनियम लागू होने के बाद यह संबंध कमजोर हो गया। अब सरकार इस रिश्ते को फिर से मजबूत करने के लिए हर्बल मिशन की शुरुआत कर रही है।
यह मिशन उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल उनकी आजीविका में सुधार होगा, बल्कि वनों का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।