बड़ी खबर: हरिद्वार में अवैध कब्जों पर बड़ी खबर मुख्य सूचना आयुक्त सख्त, कई विभागों को 10 मार्च तक पेश होने का आदेश

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हरिद्वार के हिल बाईपास मार्ग पर करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर भू-माफिया द्वारा अवैध कब्जों की शिकायत पर मुख्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सूचना देने में लापरवाही बरतने पर एचआरडीए के सहायक अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और सिडकुल प्रशासन को भी 10 मार्च तक आयोग के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
मामले का विवरण:
* अजीत सिंह चौहान नामक शिकायतकर्ता ने हिल बाईपास मार्ग पर अवैध कब्जे की शिकायत की थी और 12 व्यवसायिक भवनो के निर्माण संबंधी जानकारी चाहिए थी।
* उन्होंने एचआरडीए से भवनो के निर्माण के लिए स्वीकृत नक्शे सहित अन्य दस्तावेजों की मांग की थी।
* सूचना न देने पर मुख्य सूचना आयुक्त ने एचआरडीए के सहायक अभियंता टीपी नौटियाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
* आयोग ने प्रतिदिन 250 रुपये, अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
* प्रकरण में प्रभागीय वन अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, प्रबंधक राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण आदि को पक्षकार बनाते हुए अगली सुनवाई तिथि 10 मार्च को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
* आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि भूखंड शिकायत को लेकर हुए प्रकरण के कारण उन्हें धमकियां मिलीं, उच्च स्तर पर सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश के बाद भी सुरक्षा नहीं मिली। इस बीच बदमाशों से धमकी मिली। उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया। दो वर्ष पूर्व हुई घटना की जांच आज भी जारी है।
* आयोग ने नोटिस में प्रतिदिन की दर से 250 रुपये अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माने के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
मुख्य बिंदु:
* मुख्य सूचना आयुक्त ने अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
* सूचना देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
* कई विभागों को 10 मार्च तक आयोग के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया है।
* आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि भूखंड शिकायत को लेकर हुए और उन्हें धमकियां मिलीं।

मुख्य सूचना आयुक्त की इस कार्रवाई से हरिद्वार में अवैध कब्जों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती का संकेत मिलता है। 10 मार्च को होने वाली सुनवाई में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभिन्न विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। समाचार सोशल मीडिया पर प्राप्त जानकारी पर आधारित है।