स्मैक तस्करी और पुलिस पर हमले के आरोपियों की जमानत खारिज

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हरिद्वार: बरेली, उत्तर प्रदेश से स्मैक लाकर बेचने और पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोप में दो आरोपियों की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस अधिनियम अनिरुद्ध भट्ट ने खारिज कर दी है।
सरकारी वकील कुशलपाल सिंह चौहान के अनुसार, 15 जनवरी, 2025 की रात को, ज्वालापुर कोतवाली पुलिस जटवाड़ा पुल के पास संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की जाँच कर रही थी। तभी, उन्हें नहर की पटरी, जटवाड़ा पुल की ओर से बुलेट मोटरसाइकिल पर दो लोग आते दिखे।
पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी कर तेजी से भागने की कोशिश की। पीछा करने पर, दोनों बुलेट मोटरसाइकिल सवार रेगुलेटर पुल से कुछ आगे जंगल मार्ग नहर पटरी पर बुलेट मोटरसाइकिल को चालू हालत में छोड़कर नहर किनारे झाड़ियों और पेड़ों की आड़ में भाग गए।
पुलिस बदमाशों की तलाश में आगे बढ़ी, तभी अचानक पेड़ में झाड़ियों की आड़ में छिपे बदमाशों ने पुलिस पर फिर से गोली चला दी। पुलिसकर्मियों ने अपनी जान बचाते हुए बदमाशों से आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उन्होंने पुलिस टीम पर फिर से गोली चला दी। इसके बाद, पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, तो सामने से चीखने की आवाज आई।
पुलिस ने मौके पर जाकर टॉर्च, मोबाइल और ड्रैगन लाइट से देखा तो एक व्यक्ति के पैर में गोली लगी थी और उसके बगल में 315 बोर का तमंचा पड़ा था। पुलिस ने प्राथमिक उपचार के बाद उससे नाम-पता पूछा, तो उसने अपना नाम नजाकत अली पुत्र केसर अली, निवासी अहमदनगर नई बस्ती, फतेहगंज, बरेली, उत्तर प्रदेश बताया।
आरोपी नजाकत अली की तलाशी लेने पर उसकी जेब से प्लास्टिक की थैली में स्मैक बरामद हुई, जिसका वजन 101 ग्राम था। पकड़े गए व्यक्ति की जेब से 1000 रुपये भी मिले। नजाकत अली ने भागे हुए अपने साथी का नाम सोहेल पुत्र सलीम, निवासी अहमदनगर नई बस्ती, फतेहगंज, बरेली, उत्तर प्रदेश बताया, जो अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गया था। बाद में, पुलिस ने दूसरे बदमाश सोहेल को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसकी निशानदेही पर एक तमंचा बरामद हुआ।
सुनवाई के बाद, अदालत ने नजाकत अली और सोहेल की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।