उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, 61 वन स्थलों पर ‘घाम तापो’ पर्यटन शुरू

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ईको टूरिज्म से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे- सुबोध उनियाल, वन मंत्री

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तरकाशी दौरे के बाद उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘घाम तापो’ पर्यटन का मूलमंत्र दिया गया है। राज्य सरकार अब वनों को रोजगार से जोड़ने के लिए वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म गतिविधियां शुरू करने की योजना बना रही है। इसके तहत, वन विभाग ने राज्य भर में 61 स्थलों का चयन किया है, जिनमें से 20 स्थलों पर काम शुरू हो चुका है।

स्थानीय समुदायों की भागीदारी:

इन सभी स्थलों पर ईको टूरिज्म गतिविधियां स्थानीय ईडीसी (ईको डेवलपमेंट कमेटी) और ग्रामीणों की समितियों के माध्यम से संचालित की जाएंगी। सरकार का उद्देश्य वनों को रोजगार से जोड़कर उनके संरक्षण में समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।
विकसित की जाएंगी विभिन्न सुविधाएं:
चयनित स्थलों पर ट्रैकिंग रूट, ईको पार्क, कैंपिंग साइट, नेचर ट्रेल, बर्ड वाचिंग ट्रेल, नक्षत्र वाटिका आदि विकसित किए जाएंगे। इससे पर्यटकों को प्रकृति के करीब आने और उत्तराखंड की जैव विविधता का अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

पहले चरण में 20 स्थलों पर काम शुरू:

हरिद्वार, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में चयनित 20 स्थलों पर काम चल रहा है। वन मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार, ईको टूरिज्म से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और वनों के संरक्षण में समुदाय की भागीदारी बढ़ेगी।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ:

उत्तराखंड के वन क्षेत्रों की पर्यावरणीय सेवाओं में सालाना लगभग एक लाख करोड़ रुपये का योगदान है। ईको टूरिज्म गतिविधियों से नेचर गाइड, पोर्टर के रूप में युवाओं को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे से आर्थिकी बेहतर होगी।

पर्यावरण संरक्षण में उत्तराखंड का योगदान:

71.05 प्रतिशत वन भूभाग वाले उत्तराखंड की पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका है। राज्य से सालाना लगभग तीन लाख करोड़ रुपये की पर्यावरणीय सेवाएं मिलती हैं। ईको टूरिज्म स्थलों से प्राप्त राजस्व का 90% हिस्सा स्थानीय विकास में उपयोग किया जाएगा।

पर्यटकों के लिए नया आकर्षण:

सितारा संस्कृति से ऊब चुके लोग अब प्रकृति की वादियों में ईको टूरिज्म को प्राथमिकता दे रहे हैं। ‘घाम तापो’ पर्यटन उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा, जो उन्हें प्रकृति के करीब लाएगा और स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।
इस पहल से न केवल उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और वनों के संरक्षण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होगी।