हरिद्वार के जिलाधिकारी (डीएम) कर्मेन्द्र सिंह ने सभी कंपनियों को कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत आवंटित धनराशि का सुनियोजित तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को जनपद के विकास में योगदान देने के लिए अपनी सीएसआर गतिविधियों को सुनियोजित ढंग से लागू करना चाहिए।
डीएम ने पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धनराशि का उपयोग अनियोजित और अव्यवस्थित तरीके से नहीं किया जाना चाहिए। सीएसआर फंड का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी किया जाना चाहिए।
डीएम ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने और सभी विभागों और उद्योगों से नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कुछ कंपनियों के प्रतिनिधियों के बैठक में भाग नहीं लेने पर नाराजगी व्यक्त की और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखने का निर्देश दिया।
डीएम ने अगली बैठक जल्द बुलाने और सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों की शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सा और शिक्षा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सीएसआर फंड से किए जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तुत करने और उन पर समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सीएसआर बैठकों में विभागीय प्रतिनिधियों के स्थान पर सक्षम अधिकारी पूरी तैयारी और जानकारी के साथ स्वयं भाग लें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, डीडीओ वेदप्रकाश, सीईओ केके गुप्ता, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भण्डारी, जीएम सिडकुल उत्तम कुमार तिवारी, आरएम सिडकुल गिरधर रावत, डीपीओ सुलेखा सहगल, एडी मत्स्य विभाग गरिमा मिश्रा, एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा और आईटीसी, गोल्ड प्लस, हीरो एकम्स, पैनासोनिक, विप्रो, अंबुजा सीमेंट, एवरेस्ट और एसआई ग्लास के प्रतिनिधि उपस्थित थे।