उत्तराखंड के थानों का हुआ कायाकल्प, 58 नए कोतवाली बनने से इंस्पेक्टरों में मची होड़

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उत्तराखंड पुलिस महकमे में इन दिनों उत्साह का माहौल है। शासन द्वारा जारी एक महत्वपूर्ण शासनादेश के अनुसार, प्रदेश के 58 थानों को अब कोतवाली का दर्जा मिल गया है। इस खबर के फैलते ही, इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इन महत्वपूर्ण पदों पर अपनी नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। कोतवाल बनने की प्रबल इच्छा लिए, कई इंस्पेक्टर वरिष्ठ अधिकारियों से सिफारिशें लगवाने और अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं।
वहीं, इस बदलाव की बयार में दारोगाओं के लिए भी उम्मीद की किरण जगी है। इन 58 थानों के कोतवाली बनने से इंस्पेक्टरों के नए पद सृजित हुए हैं, जिसके चलते अब दारोगाओं को भी पदोन्नति का अवसर मिलने की संभावना बढ़ गई है। पदोन्नति की प्रक्रिया भी शासन स्तर पर शुरू कर दी गई है, जिससे लंबे समय से इंस्पेक्टर बनने का सपना देख रहे कई दारोगाओं के चेहरे खिल उठे हैं।
शासन द्वारा कोतवाली के रूप में अधिसूचित किए गए ये 58 थाने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फैले हुए हैं, जो कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन थानों में अब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी प्रभारी के तौर पर तैनात किए जाएंगे, जो अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिसिंग की दिशा में प्रभावी कदम उठाएंगे।
जनपदवार देखें तो, निम्नलिखित थानों को कोतवाली का दर्जा प्राप्त हुआ है।

* जनपद हरिद्वार:

श्यामपुर, कनखल, पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर, झबरेड़ा, खानपुर, कलियर, सिडकुल।

* जनपद देहरादून:

नेहरू कॉलोनी, रायपुर, राजपुर, रायवाला, सहसपुर, कालसी, प्रेमनगर, चकराता।

* जनपद उत्तरकाशी:

उत्तरकाशी कोतवाली, धरासू, बड़कोट, हर्षिल।

* जनपद टिहरी:

चम्बा, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, कैम्पटी।

* जनपद चमोली:

गोपेश्वर, गोविंदघाट, गैरसैंण।

* जनपद रुद्रप्रयाग:

उखीमठ, गुप्तकाशी, अगस्तमुनि।

* जनपद पौड़ी:

श्रीनगर (महिला थाना), लक्ष्मणझूला।

* जनपद नैनीताल:

काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्लीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, मुखानी, वनभूलपूरा।

* जनपद उधमसिंहनगर:

कुंडा, गदरपुर, पंतनगर, नानकमत्ता, ट्रांजिट कैम्प, आईटीआई।

* जनपद अल्मोड़ा:

द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, महिला थाना।

* जनपद बागेश्वर:

बैजनाथ, कौसानी।

* जनपद पिथौरागढ़:

बेरीनाग, झूलाघाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट।

* जनपद चंपावत:

टनकपुर

इस शासनादेश के जारी होने के साथ ही, उत्तराखंड में अब कुल 166 थानों में से 112 थाने इंस्पेक्टर स्तर के हो गए हैं। यह कदम निश्चित रूप से प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत करेगा और आम नागरिकों को त्वरित एवं प्रभावी न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध होगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इन नए कोतवालियों में किन इंस्पेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है और दारोगाओं की पदोन्नति प्रक्रिया कब तक पूर्ण होती है। पुलिस महकमे में इस बड़े बदलाव को लेकर गहमागहमी का माहौल है और सभी अधिकारी अपनी-अपनी संभावनाओं और तैयारियों में जुटे हुए हैं।