बड़कोट/उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर रोहिणी नक्षत्र में भव्य समारोह के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। ठीक ग्यारह बजकर पचपन मिनट पर मंदिर के द्वार खुले और छह माह तक माता यमुना के दर्शन अब इसी धाम में सुलभ होंगे। इस शुभ घड़ी के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचे थे।
कपाट खुलने से पूर्व, आज सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों और श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच डोली यात्रा एक मनोहारी दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। पारंपरिक वेशभूषा में सजे भक्तजन माता यमुना के जयकारे लगाते हुए उत्साहपूर्वक डोली के साथ चल रहे थे।
इस विशेष अवसर पर खरसाली में एक महत्वपूर्ण पहल भी शुरू की गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मां यमुना के महा भोग-प्रसाद का आधुनिक पैकेजिंग के साथ शुभारंभ किया गया। यह प्रयास स्थानीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को स्वच्छ और आकर्षक प्रसाद उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए चाक-चौबंध व्यवस्थाएं की गई थीं। प्रशासन द्वारा यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध प्रभावी रूप से क्रियान्वित किए गए थे। कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों की भी उपस्थिति रही। विधायक संजय डोभाल, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी एस एल सेमवाल, उपजिलाधिकारी बड़कोट वृजेश तिवारी, पुरोला मुकेश रमोला, पंडा पुरोहित, मंदिर समिति के पदाधिकारी, पुलिस उपाधिक्षक, सामाजिक कार्यकर्त्ता महावीर पँवार और श्रीमती यशोदा राणा सहित हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।