आईपीएस रचिता जुयाल को हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच का जिम्मा

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच के लिए आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल को विजिलेंस की पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व सौंपा है। गृह सचिव शैलेश बगौली के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने यह टीम गठित की है।
गौरतलब है कि रचिता जुयाल, जो कि 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, ने हाल ही में पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था, जिसे अभी तक सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। इसी बीच उन्हें इस महत्वपूर्ण जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
हरिद्वार भूमि घोटाला 3 जून को तब सुर्खियों में आया जब सरकार ने हरिद्वार जिलाधिकारी सहित एक आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी को निलंबित कर दिया। इस मामले में कुल 12 अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विस्तृत जांच के लिए विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे।
यह घोटाला 2024 में तब सामने आया जब हरिद्वार नगर निगम ने सराय गांव में लगभग 33 बीघा जमीन 54 करोड़ रुपये में खरीदी। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग 13 करोड़ रुपये था, लेकिन अधिकारियों ने इसे 143 (कृषि भूमि को अकृषि) में बदलवाकर ऊंचे दाम पर खरीदा। सचिव रणवीर सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट के आधार पर 3 जून को दो आईएएस और पीसीएस सहित सात अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी। इससे पहले भी पांच अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी थी। अब विजिलेंस इस मामले की विस्तृत जांच करेगी