अर्द्ध कुम्भ और हरिद्वार विकास कार्यों की समीक्षा: मेला अधिकारी और जिलाधिकारी ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

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हरिद्वार: हरिद्वार में प्रस्तावित अर्द्ध कुम्भ मेले और शहर के चौतरफा विकास कार्यों की समीक्षा शुक्रवार को मेला अधिकारी सोनिका और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सीसीआर सभागार में की। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता को लेकर कई अहम निर्देश दिए।
मुख्य निर्देश और प्रमुख बिंदु:
* पार्किंग व्यवस्था: पंडित दीन दयाल मल्टीलेवल पार्किंग का कार्य तभी शुरू किया जाए जब यह मेले तक पूरा होने की दिशा में हो, ताकि मेले के दौरान पार्किंग की कमी न हो।
* धार्मिक स्थलों का संरक्षण: सती कुण्ड सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर कार्य उनके पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का अध्ययन करने के बाद ही, उनकी गरिमा के अनुरूप किए जाएं।
* कार्यों में दोहराव से बचें: किसी भी कार्य में डुप्लीकेसी न हो और इस संबंध में लिखित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
* स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय: सभी संबंधित हितधारकों के साथ बैठक कर ली जाए।
* रोड प्लान और यातायात: रोड प्लान इस प्रकार बनाया जाए कि जनता के आवागमन में कोई समस्या न हो, और यातायात पहले से अधिक सरल, सुखद और सुरक्षित हो। इसके लिए पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए।
* डॉक्यूमेंटेशन: सभी कार्यों का उचित दस्तावेजीकरण (documentation) किया जाए।
* ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management): ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पुरानी पद्धतियों के बजाय नवीनतम तकनीकों और अधिक से अधिक मशीनी शक्ति का उपयोग किया जाए। वेस्ट जनरेशन से निस्तारण स्थल तक की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए।
बैठक में सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने घाट निर्माण, टीम लीडर सुनील गुप्ता ने शंकराचार्य चौक से सीसीआर तक सड़क निर्माण, हरकी पौड़ी, सुभाष घाट, मालवीय द्वीप, ब्रह्मकुंड, कांगड़ा घाट के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार, 10 जंक्शनों के ज्यामितीय जीर्णोद्धार, कल्चरल हब और चंडी घाट सहित पार्किंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में नगर आयुक्त नंदन कुमार, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम आर. गुप्ता सहित मेहुल शर्मा, रश्मि और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।