पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना की तीसरी लहर का खौफ दिखाकर पंचायत चुनाव कराने से भाग रही है। जबकि संवैधानिक रूप से पंचायत का निर्वाचित जनप्रतिधि ही दूसरे निर्वाचित जनप्रतिनिधि को ही चार्ज सौंपता है। लेकिन भाजपा सरकार ने कोरोना का भय दिखाकर चुनाव कराने के बजाए पंचायतों में प्रशासक बैठा दिए हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर समय हर विषय पर पंचायत जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता पड़ती है। पंचायतों के समय पर चुनाव नहीं होने से ग्रामीण इलाकों में विकास पूरी तरह ठप्प हो गया है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण दर दर भटकने को मजबूर हैं। विधानसभा चुनाव का सेमीफाईनल समझे जाने वाले पंचायत चुनाव में बुरी हार की संभावना से परेशान सरकार चुनाव कराने के बजाए चुनाव टालने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। जिसका खामियाजा भाजपा को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। करोड़ों शिवभक्तों की आस्थाओं व लाखों व्यापारियों के हितों की अनदेखी कर भाजपा सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर का भय दिखाकर कांवड़ यात्रा व चारधाम यात्रा को स्थगित किया गया। लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बावजूद भाजपा की राजनीतिक यात्राएं बदस्तूर चल रही हैं। जिनमें कोरोना गाइड लाईन का उल्लंघन कर हजारों की भीड़ इकठ्ठी हो रही है। मुस्लिम समाज की आस्था व भावनाओं के प्रतीक मौहर्रम व ताजिएदारी पर भी सरकार ने कोरोना नियमों के तहत प्रतिबंध लगा दिया। जो भी रस्मे अदा की गयी वे कोरोना की गाइडलाईन के अनुरूप ही की गयी। जबकि दो सालों से धार्मिक क्रियाकलापों पर लग रहे प्रतिबंधों से हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदायों में सरकार के प्रति भारी रोष व गुस्सा है। राव आफक अली ने कहा कि भाजपा की जन आशीर्वाद यात्राओं में कोविड गाइडलाईन का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है। पूरे भारत में जन आशीर्वाद यात्राएं जोरशोर चलायी जा रही हैं। जिनमें किराए पर बेरोजगार युवाओं व मजदूरों की भीड़ इकठ्ठी कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार स्वयं ही कोविड नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। नड्डा के कार्यक्रमों में भी कोविड नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर व जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर स्वयं मुख्यमंत्री तक नियमों के उल्लंघन को मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं। राव आफाक अली ने मांग करते हुए कहा कि हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं। निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं होने से ग्राम पंचायत कार्यालयों, विकास खण्ड कार्यालयों, जिला पंचायत कार्यालयों में प्रशासक के रूप में तैनात अधिकारी भाजपा के दबाव में कार्य कर रहे हैं। जिससे गरीब जनता को परेशानी का सामना का करना पड़ रहा है। पंचायत चुनाव से बचने के लिए सरकार अध्यादेश लायी तो तमाम पंचायतों के जनप्रतिनिधि सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेंगे।
2021-08-21