धर्म-कर्म: मोरारी बापू ने ऋषिकेश से शुरू की द्वादश ज्योतिर्लिंग राम कथा ट्रेन यात्रा

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ऋषिकेश। रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने रविवार को ऋषिकेश से ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा शुरू कर दी। सावन के पावन अधिकमास में आयोजित यह अद्वितीय यात्रा देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों तक जाएगी। इस कथा यात्रा की दो ट्रेनों का नाम कैलाश व चित्रकूट रखा गया है, इसे रवाना करने के लिए उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल और अनिता ममगाईं (मेयर) नगर निगम ऋषिकेश मौजूद थे। इन आध्यात्मिक ट्रेनों को दूर से पहचाना जा सकता है, ट्रेन कोचों की बाहरी सतह विनायल स्टीकर से सजी हैं, जिनमें 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर, सनातन धर्म के प्रमुख धाम जगन्नाथपुरी, द्वारिका, तिरुपति बालाजी मंदिर और बापू के गांव के दृश्य अंकित हैं।यह ट्रेन 12 हजार किमी का सफर तय करते हुए 1008 यात्रियों को ज्योतिर्लिंगों के अलावा जगन्नाथ पुरी व द्वारका और तिरुपति बालाजी भी ले जाएगी। 18 दिनों तक चलने वाली यह कथा यात्रा 8 राज्यों से गुजरते हुए 8 अगस्त को बापू के गांव तलगाजरड़ा में संपन्न होगी। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की मान्यता दो स्थानों पर है महाराष्ट्र व गुजरात, बापू दोनों स्थानों पर कथा करेंगे। बापू ने ट्रेन यात्रा शुरू होने से पहले शनिवार को केदारनाथ धाम में भीमशिला प्रांगण में पहले दिन की कथा की। बापू ने इस कथा को मानस-900 का नाम दिया है।शैव व वैष्णवों के बीच समन्वय की इस असाधारण यात्रा के दौरान, मोरारी बापू ने केदारनाथ में कथारस बर्षाने का जो सिलसिला केदारनाथ में शुरू किया है, उसे यात्रा में दुनियाभर से शामिल हो रहे श्रोताओं के समक्ष जारी रखेंगे। हर ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में बापू अपने कथा संवाद के जरिए भगवान राम व शिव की एक दूसरे के प्रति निष्ठा व प्रेम भरे संबंधों पर चर्चा करेंगे। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने ज्योतिर्लिंग राम कथा ट्रेन यात्रा के बारे में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मुझे इस महत्वपूर्ण आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा होने पर बहुत खुशी हो रही है, जो हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को रेल यात्रा की सुविधा के साथ मिलाने जा रहा है। यह यात्रा भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी, जहां वे भारत के पवित्र भूमि की दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे।’ऋषिकेश नगर निगम की मेयर अनिता ममगाईं ने इस अवसर पर कहा, ‘‘इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखंड के लिए गर्व का पल है। हमें गर्व है कि हम बापू का आतिथ्य कर सके और ज्योतिर्लिंग राम कथा ट्रेन यात्रा के माध्यम से आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत के संगम का साक्षी बन सके। यह तीर्थयात्रा हमारे आध्यात्मिक भावों को हमारे अंतस की और गहराई में ले जाएगी, साथ ही उत्तराखंड को एक सुंदर पर्यटन राज्य के रूप में बढ़ावा देने में भी सहायता होगी।’ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा के बारे में मोरारी बापू ने कहा, ‘‘इस पवित्र यात्रा के माध्यम से, हम भारत के दो अलग-अलग धर्म-संप्रदायों को एकजुट करने और सनातन धर्म की सामूहिक समझ को प्रोत्साहित करने का प्रयास करेंगे।’इस कार्यक्रम के मनोरथी है बापू के एक फलॉवर (श्रोता) और राम कथा श्रोता, इंदौर के रूपेश व्यास, उनके आदेश ट्रस्ट के सौजन्या से। इन ट्रेनों को दूर से पहचाना जा सकेगा क्योंकि इन पर 12 ज्योतिर्लिंग, तीन धाम, तिरुपति बालाजी, बापू के पैतृक गांव के चित्र होंगे। यह यात्रा ऐसे समय में शुरू हुई है,जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है,इसलिए‘ आजादी का अमृत महोत्सव’और देश के अनेक राज्यों की संस्कृतियों को जोड़ रही है इसलिए‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’अभियान का हिस्सा भी बन गई है।