अलविदा जुमे की नमाज अदा कर रोजेदारों ने मांगी दुआएं

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हरिद्वार: माह-ए-रमजान के अलविदा जुमे की नमाज शहर और देहात की तमाम मस्जिदों में अकीदत के साथ अदा की गई। रोजेदारों ने नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआएं मांगी। मस्जिदों में अलविदा जुमे का विशेष खुतबा बयान किया गया। मौलानाओं ने ईद की नमाज से पहले फितरा और जकात अदा करने के लिए कहा। शुक्रवार को माह-ए-रमजान के अंतिम जुमे की नमाज को लेकर रोजेदारों में विशेष उत्साह रहा। अलविदा जुमे पर सवेरे से ही मस्जिदों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ी। नमाज से पहले मौलाना इकबाल कासमी ने तकरीर करते हुए कहा कि रमजान धीरे-धीरे रुखसती की ओर है। रमजान के शेष बचे दिनों में ज्यादा से ज्यादा इबादत कर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने ईद रमजान का इनाम रखा है। गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद करें। पड़ोस व आसपास में रहने वाला कोई इंसान भूखा न रहे, इसका ध्यान भी रखें। रमजान में एक नेकी करने पर अल्लाह ने 70 नेकियों का सवाब रखा है। इसलिए इबादत के साथ ही नेक और अच्छे काम करने चाहिए। रमजान अच्छाई का रास्ता दिखाता है। सभी को अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए। मंडी की मस्जिद के पेश इमाम इमाम कुतुबुद्दीन ने जकात और फितरे के बारें में रोजेदारों को जानकारी देते हुए कहा ईद की नमाज से पहले-पहले फितरा और जकात अदा करना बेहद जरुरी होता है। हर दौलतमंद इंसान को अपनी दौलत का ढाई प्रतिशत हिस्सा गरीबों, यतीमों को देना जरुरी है।