हरिद्वार: जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो सगे भाइयों को तृतीय अपर जिला एवं न्यायाधीश अनिरुद्ध भट्ट ने दोषी पाते हुए चार वर्ष की कैद और 33 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि सहीद हसन पुत्र शकुर निवासी जमालपुर कला ने 28 मई 2020 को एक रिपोर्ट कनखल थाने में दर्ज कराई थी। जिसमें उसने कहा था कि 27मई 2020 की शाम को करीब 4ः00 बजे उसका भाई नूर हसन घर से छत्र प्रधान की डेरी जमालपुर कलां की तरफ जा रहा था। रास्ते में उसके गांव के गुलजार पुत्र दिलशाद एवं उसका भाई गुलनाम तथा मनोज पहले से खड़े थे। उन तीनों ने बिना किसी कारण के उसके भाई नूर हसन के साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिया था। नूर हसन ने उन्हें गाली देने से मना किया तो तीनों ने नूरहसन के साथ मारपीट शुरू कर दी थी सूचना मिलने पर सहीद भी मौके पर पहुंच गया था। उसने अपने भाई का बीच बचाव करना चाह तो तीनों व्यक्तियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी। गुलनाम ने लकड़ी के फट्टे से नूर हसन के सिर पर जान से मारने की नीयत से वार किया था। जिससे नूर हसन का सिर फट गया था और वह सड़क पर गिर पड़ा था। आसपास के लोगों के आ जाने पर उक्त तीनों सहीद व नूर हसन को जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग गए थे। आसपास के लोगों की मदद से सहिद अपने भाई को सरकारी अस्पताल हरिद्वार लेकर आया था। जहां उसका उपचार हुआ था। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने गुलजार व गुलनाम के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था तीसरा आरोपी मनोज के फरार हो जाने के कारण उसके खिलाफ कार्रवाई जारी रखी थी। मुकदमें में वादी पक्ष की ओर से नौ गवाह के बयान कराए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के बजाए धारा 325/34 के अंतर्गत अपराध करने का दोषी पाया है।
2024-10-16