हरिद्वार में हुए एक विशेष आयोजन में, भारतीय सेना की प्रौद्योगिकी रेजिमेंट, बंगाल इंजीनियर ग्रुप के अधिकारियों ने पतंजलि योगपीठ का दौरा किया। इस दौरान, दोनों संगठनों के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली में गहरी समानता देखने को मिली।
स्वामी रामदेव ने इस अवसर पर कहा कि पतंजलि का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को योग और आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा, “पतंजलि, बंगाल इंजीनियर ग्रुप की तरह, आंतरिक इंजीनियरिंग (इनर इंजीनियरिंग) पर भी जोर देती है।” स्वामी जी का मत है कि योग और आयुर्वेद के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक बदलाव ला सकता है और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकता है।
आचार्य बालकृष्ण ने भारतीय सेना के जवानों की देशभक्ति की भावना की प्रशंसा करते हुए कहा, “जिनके हृदय में देश सर्वोपरि है, वे योद्धा कभी सेवानिवृत्त नहीं होते।” उन्होंने स्वामी रामदेव के योगदान को भी रेखांकित किया और कहा कि स्वामी जी ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता पैदा की है।
ब्रिगेडियर के.पी.सिंह ने पतंजलि के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय सेना की तरह ही पतंजलि भी देश सेवा के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, “आयुर्वेद की पताका आज विश्व में लहरा रही है।”
इस आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना और पतंजलि दोनों ही देश सेवा के लिए समर्पित हैं। दोनों संगठन अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
* बंगाल इंजीनियर ग्रुप और पतंजलि दोनों ही देश सेवा के लिए समर्पित हैं।
* दोनों संगठन आंतरिक विकास (इनर इंजीनियरिंग) पर जोर देते हैं।
* भारतीय सेना देश की रक्षा करती है, जबकि पतंजलि लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखती है।
* दोनों संगठनों के बीच गहरा संबंध है।
2024-11-06