उत्तराखंड सँस्कृत विवि में आचार्य वाजपेयी शोध पीठ की स्थापना पर जताया आभार
हरिद्वार: आचार्य किशोरी दास वाजपेयी हिंदी जगत का एक ऐसा नक्षत्र थे। जिन्होंने पूरे हिंदी जगत को विश्व में नया स्थान प्रदान किया।प्रेस क्लब सभागार में आयोजित वाजपेयी जी की 127वीं जयंती के अवसर पर पूर्व अध्यक्ष् व शिक्षविद प्रोफेसर पदम सिंह चौहान ने अपने संबोधन में उक्त बातें कही। इस अवसर पर बोलते हुए प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर शिव शंकर जायसवाल ने कहा कि वाजपेयी जी को हिंदी पाणिनि के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। हिंदी को व्यावहारिक और व्याकरण दृष्टि से वाजपेयी जी ने की स्थापित किया था।उन्होंने हिंदी शब्दानुशासन के माध्यम से देश दुनिया को व्याकरण दिया। प्रेस क्लब अध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि प्रेस क्लब के प्रयासों से उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आचार्य किशोरी दास वाजपेयी शोध पीठ की स्थापना कर दी गई है तथा कनखल चौराहे पर वाजपेयी चौक का सौंदर्यकरण भी किया जा रहा है। अध्यक्ष अमित शर्मा ने इस हेतु उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद शास्त्री व कुलसचिव डॉ गिरीश अवस्थी को धन्यवाद दिया।कार्यक्रम का संचालन करते हुए महासचिव डॉक्टर प्रदीप जोशी ने कहा कि श्री वाजपेई जी ने राष्ट्रीय भाषा का प्रथम व्याकरण ब्रजभाषा का व्याकरण आदि अनेक ग्रंथ लिखे,उन्होंने व्याकरण पर अनेक ऐसे ग्रंथ लिखे जिनके आधार पर ही उन्हें हिंदी का पाणिनि कहा गया। इस अवसर पर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र हर्ष,रामचंद्र कनौजिया,बालकृष्ण शास्त्री,कुमार दुष्यंत,ललितेन्द्र नाथ,अश्वनी अरोरा,राजकुमार,महावीर नेगी,शिवकुमार शर्मा,मुदित अग्रवाल,विकास चौहान,संजीव शर्मा, प्रशांत शर्मा,हिमांशु द्विवेदी,मनोज खन्ना,सूर्यकांत बेलवाल, मुकेश वर्मा,रामेश्वर शर्मा,विक्रम छाछर,काशीराम सैनी,नरेश दीवान शैली,अश्वनी अरोरा आदि अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।