बड़कोट-सिल्कयारा टनल परियोजना: उत्तराखंड के विकास में स्वर्णिम अध्याय

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बड़कोट (उत्तराखंड): उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग-134 पर निर्मित महत्वाकांक्षी बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना ने सफलतापूर्वक अपने निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा की गरिमामयी उपस्थिति में घोषित की गई। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी पूरा प्रदेश बना, जिसने इस परियोजना के पूर्ण होने का बेसब्री से इंतजार किया था।
इस महत्वपूर्ण परियोजना के निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में रोडिक कंसल्टेंट्स ने अपनी विशेषज्ञता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप परियोजना समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरी हो सकी। निर्माण कार्य में आधुनिक डिजिटल तकनीकों का व्यापक उपयोग किया गया, जिसने कार्य की गुणवत्ता और दक्षता को कई गुना बढ़ा दिया।
यह 4.531 किलोमीटर लंबी दो लेन की एकतरफा टनल धरासू और यमुनोत्री के बीच बारहमासी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। इस टनल के बन जाने से इन दो महत्वपूर्ण स्थानों के बीच यात्रा का समय जो पहले लगभग एक घंटा लगता था, अब घटकर केवल पाँच मिनट रह जाएगा। यह समय की बचत न केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को भी अभूतपूर्व बढ़ावा देगा, जिससे सामाजिक-आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे।
इस ऐतिहासिक सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्र सरकार के अटूट सहयोग की सराहना की, जिसके बिना यह महत्वपूर्ण परियोजना साकार नहीं हो पाती।
परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है, जिसमें टनल के भीतर सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। जल्द ही यह टनल पूरी तरह से यातायात के लिए खोल दी जाएगी।
इस शुभ अवसर पर नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई, जिसने इस आयोजन की महत्ता को और भी बढ़ा दिया। बड़कोट-सिल्कयारा टनल परियोजना निश्चित रूप से उत्तराखंड के विकास गाथा में एक स्वर्णिम अध्याय साबित होगी।