गुरु पूर्णिमा के मौके पर तीर्थ नगरी में आने वालों को दिखानी होगी आरटी पीसीआर जांच

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गुरु पूर्णिमा पर तीर्थनगरी में गुरुओं की पूजाकर उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जिले के बार्डर पर आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। इस सम्बन्ध में पुलिस ने तैयारियां कर ली है। जिलाधिकारी की ओर से पहले ही संाकेतिक तौर पर मनाने का आदेश जारी हो चुका है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद यहां गंगा स्नान की अनुमति नहीं होगी। इस वर्ष कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद जनपद के विभिन्न बार्डर पर पुलिस द्वारा सख्ती बढ़ा दी गई है। 25 जुलाई से श्रावण मास भी शुरू हो रहा है। इसके साथ ही 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का अवसर भी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्वालुभक्त गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का पूजन करने के लिए तीर्थनगरी आते हैं। लेकिन इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं से आशीर्वाद देने आने वाले भक्तों को हरिद्वार आने से पहले बार्डर पर ही आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर आना होगा। साथ ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। पुलिस प्रशासन की तैयारी है कि यदि बार्डर पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती है तो पुलिस सख्ती करते हुए उन्हें बार्डर से ही लौटा देगी। श्रद्वालुओं को रोकने के लिए हरकी पैड़ी पर भी पुलिस सख्ती करेगी। भीड़ को अलग-अलग घाटों पर भेजा जाएगा, ताकि शारीरिक दूरी व अन्य नियमों का पालन हो सके। एसएसपी सेंथिल अवूदई   कृष्णदराज एस ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को लेकर बार्डर पर सख्ती की जाएगी। बताते चले कि जिलाधिकारी ने पहले ही बता दिया है कि श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के स्थगन के बाद बाहरी राज्यों व जिलों के निवासियों की धार्मिक परंपराओं के पालन को हरिद्वार से उनकी आवश्यकता के मुताबिक टैंकर के माध्यम से गंगाजल भेजा जाएगा। जिलाधिकारी के अनुसार राज्य सरकार ने कांवड़ मेला-2021 के दृष्टिगत कांवड़ यात्रियों की सुविधा को यह निर्देश दिया है। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, यमुनानगर, करनाल में टैंकरों के माध्यम से गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। उपरोक्त सभी जगहों के जिला मजिस्ट्रेट, उपायुक्त से गंगाजल वितरित किए जाने के लिए स्थान और गंगाजल की जरूरत बताने का आग्रह किया गया है। ताकि उन्हें उनके चिह्नित स्थान पर टैंकरों के माध्यम से गंगाजल उपलब्ध कराया जा सके।