तीर्थ नगरी में जारी रहा 1 दिन का लॉक डाउन , बाजार रहे बंद ,सड़कों पर चहल-पहल घटी

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पहले दिन सरकार की ओर से ज्यादा सख्ती नहीं

कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा रविवार को प्रदेश में लगाये गये कफ्रयू का असर तीर्थनगरी में भी दिखाई पड़ा। कुम्भ मेला जारी रहने के बावजूद गंगा घाटों पर श्रद्वालुओं की संख्या नगण्य रहे। तीर्थनगरी के साथ साथ आस-पास के क्षेत्रों में बाजार बंद रहे,सड़कों पर आॅटो वाहन नही चले,अलबत्ता बसे चलती रही,सड़कों पर अन्य दिनों की अपेक्षा वाहनों का आना जाना कम रहा। मेला क्षेत्र होने के बावजूद यहा पर भी बाजारों में असर दिखाई दिया। रविवार को प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू लाॅक-डाउन का व्यापक असर यहा के जनजीवन पर दिखाई दिया। हरिद्वार, ज्वालापुर, कनखल सहित पूरे शहर व आस-पास के क्षेत्रों में बाजार बंद रहे। सड़कों पर वाहन भी बेहद कम संख्या मे दिखाई दिए। हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों पर बेहद कम संख्या में श्रद्धालु नजर आए। केवल कुंभ स्नान करने आए श्रद्धालु ही घाटों पर नजर आए। हालांकि दवा फल, सब्जी, दूध, राशन आदि जरूरी चीजों की दुकानें खुली रही। रोड़वेज बसें भी चलती रही। नियमों का पालन करते हुए लोग घरों में ही रहे। साप्ताहिक क्रफ्यू के पहले दिन प्रशासन की ओर से ज्यादा सख्ती नहीं की गयी, लोगों ने भी घरों में रहकर प्रशासन का सहयोग किया। चैत्र नवरात्रों के जारी रहने के बावजूद मंदिरों में होने वाली भीड़ भी नहीं दिखी। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना की। वही रमजान का महीना चल रहा है। लेकिन अधिकांश लोगों ने नियमों का पालन करते हुए मस्जिदों के बजाए घरों में ही रमजान की नमाज अदा की। रविवार को लागू किए गए क्रफयू ने पिछले हुए लाॅकडाउन की यादें भी ताजा कर दी। समाजसेवी पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ना सभी के लिए चिंता का विषय है। सभी को कोरोना को हराने में सहयोग करना चााहिए। उचित दूरी का पालन करें। अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलें। बाहर जाने पर मास्क अवश्य पहनें। कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने साप्ताहिक क्र्फ्यू लगाने का फैसला किया है।